इससे निबटने में आम जनों का सहयोग जरूरी है. मंच राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जागरण का काम करता है. गोष्ठी को राज्य की पूर्व पुलिस महानिदेशक कुमुद चौधरी ने भी विचार रखे. मंच संचालन संस्था के राज्य सचिव तापस मल्लिक तथा स्वागत प्रो शाहिद अख्तर ने किया.
Advertisement
ब्रिटिश कानून नहीं रोक सकता अपराध
रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्य मंडल के सदस्य इंद्रेश कुमार का कहना है कि ब्रिटिश कानून अपराध रोकने के लिए नहीं है. इससे अपराध नहीं रुक सकता है. यह अपराध करने के बाद सजा देने के लिए है. यही कारण है कि आज शिक्षा के साथ अपराध भी बढ़ रहा है. कुमार […]
रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्य मंडल के सदस्य इंद्रेश कुमार का कहना है कि ब्रिटिश कानून अपराध रोकने के लिए नहीं है. इससे अपराध नहीं रुक सकता है. यह अपराध करने के बाद सजा देने के लिए है. यही कारण है कि आज शिक्षा के साथ अपराध भी बढ़ रहा है. कुमार शनिवार को होली डे होम में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की झारखंड इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. मंच की ओर से माओइज्म : समस्या और समाधान विषय पर गोष्ठी आयोजित की गयी थी.
माओवादियों को संसाधन उपलब्ध करानेवाले की हो पहचान : श्री कुमार ने कहा कि माओवादियों को संसाधन कहां से मुहैया होता है, इस पर शोध होना चाहिए. इसके पीछे जो ताकतें हैं, उनकी पहचान होनी चाहिए. माओवादी गरीबों की हक की लड़ाई लड़ने की बात कहते हैं. माओवादियों की बंदूक से कितने को तालीम मिली, कितनी अस्पतालें खुलीं, कितने स्कूल खुले, यह जानना चाहिए. लोगों को अपने देश पर विश्वास करना चाहिए. वैसी ताकतों से दूर रहना चाहिए, जो भटकाते हैं.
राष्ट्रीय एकता आज भी चुनौती : मंच के राष्ट्रीय महासचिव जसबीर सिंह ने कहा कि आज भी देश में राष्ट्रीय एकता एक चुनौती है. माओइज्म, नकली नोट आदि कई आंतरिक समस्या है.
इससे निबटने में आम जनों का सहयोग जरूरी है. मंच राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जागरण का काम करता है. गोष्ठी को राज्य की पूर्व पुलिस महानिदेशक कुमुद चौधरी ने भी विचार रखे. मंच संचालन संस्था के राज्य सचिव तापस मल्लिक तथा स्वागत प्रो शाहिद अख्तर ने किया.
10 साल में 12 हजार मरे
भारतीय सेना के इंटिलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह ने कहा कि माओवादी हिंसा से 2002 से 2012 तक 12 हजार भारतीय नागरिक मारे गये हैं. आज देश की 40 फीसदी भूमि माओवादियों के कब्जे में है. 220 जिला और 20 राज्यों में माओवाद फैल चुका है. इसकी शुरुआत आजादी से पहले 1946 में नालागोड़ा जिले से हुई थी. इसकी शुरुआत जमीनदारों के खिलाफ चला था.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement