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एक स्कूल, जिसे सरकार ने कर दिया बरबाद

बेरमो: बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड में एक स्कूल है, नदी-घाटी परियोजना उच्च विद्यालय, तेनुघाट. इसके कुल 18 शिक्षक-शिक्षिकाअों में से अंतिम शिक्षिका सुभद्रा देवी वर्ष 2014 में सेवानिवृत्त हो गयी. जल संसाधन विभाग के अधीन इस स्कूल में अब कोई शिक्षक नहीं है. इसलिए स्कूल के चार क्लर्क तथा दो चपरासी बच्चों को पढ़ाते […]

बेरमो: बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड में एक स्कूल है, नदी-घाटी परियोजना उच्च विद्यालय, तेनुघाट. इसके कुल 18 शिक्षक-शिक्षिकाअों में से अंतिम शिक्षिका सुभद्रा देवी वर्ष 2014 में सेवानिवृत्त हो गयी. जल संसाधन विभाग के अधीन इस स्कूल में अब कोई शिक्षक नहीं है. इसलिए स्कूल के चार क्लर्क तथा दो चपरासी बच्चों को पढ़ाते हैं.
छठी से 10वीं कक्षा वाले इस स्कूल की छठी व सांतवीं कक्षा में कोई विद्यार्थी नहीं है. अाठवीं कक्षा में दो बच्चे थे, उन्होंने वर्ष भर पहले स्कूल छोड़ दिया. अभी यहां सिर्फ दसवीं कक्षा में कुल 130 बच्चे हैं. पर पठन-पाठन की बदतर स्थिति के कारण वे भी रोज स्कूल नहीं आते. अाठ सितंबर को जब यह संवाददाता स्कूल पहुंचा, तो वहां सिर्फ चार बच्चे ही मिले, जिन्हें स्कूल के क्लर्क पढ़ा रहे थे. शेष कमरों में ताले लगे थे. गत वर्ष स्कूल के कुल 117 बच्चों ने मैट्रिक की परीक्षा दी थी, जिनमें से 45 फेल हो गये थे.इस स्कूल का शिलान्यास 1966 में तत्कालीन सिंचाई, बिजली तथा नदी-घाटी योजना मंत्री महेश प्रसाद सिंह ने किया था. कुल 18 कमरों वाले इस स्कूल में फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा बायोलाॅजी की सुसज्जित प्रयोगशाला हुआ करती थी.

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एक बड़ा हॉल तथा साइकिल स्टैंड भी बनाया गया था. कभी इस स्कूल की छठी से 10वीं कक्षा में करीब एक हजार बच्चे पढ़ते थे. ये सभी ललपनिया, तेनुघाट, सरहचिया, झिरकी, बोकारो थर्मल, नैनाटांड़, छपरगढ़ा, साड़म व होसिर जैसे दूरदराज इलाके से आते थे. तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन (टीटीपीएस) तथा बोकारो थर्मल पावर स्टेशन (बीटीपीएस) प्रबंधन बच्चों को बस की सुविधा भी देता था. पर सरकार के साथ-साथ पूरे सिस्टम ने इन बच्चों के साथ छल किया़ धीरे-धीरे सारी सुविधाएं समाप्त होती चली गयी. कुछ जन प्रतिनिधयों ने पठन-पाठन का माहौल बनाने की कोशिश की. पर असफल रहे. गोमिया के पूर्व विधायक माधवलाल सिंह यहां सेवानिवृत्त शिक्षकों के जरिये पढ़ाई कराना चाहते थे.

पर वेतन का जुगाड़ नहीं हुआ. अब वर्तमान विधायक योगेंद्र प्रसाद महतो ने विधानसभा के मानसून सत्र में इस स्कूल का मुद्दा उठाया था. इस पर जल संसाधन विभाग की अोर से जानकारी दी गयी कि मानव संसाधन विभाग से इस स्कूल का अधिग्रहण कर इसका संचालन करने का आग्रह किया गया था, पर उसने इनकार कर दिया. अब मानव संसाधन विभाग से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा गया है. जल संसाधन विभाग इस स्कूल के संचालन के लिए अन्य विकल्प के बारे भी विचार करेगा.तब तक बच्चे इस अनोखे स्कूल में पढ़ने को विवश हैं.

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