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प्रभात खबर गुरु सम्मान समारोह में मामे खां के सूफियाना अंदाज में झूमे लोग

रांची : मां के बाद जीवन निर्माण में सबसे अहम स्थान रखनेवाले गुरुजनों से भरा सभागार. राजस्थानी लोकगीत और सूफी गीतों पर थिरकते पैर. रह रहकर गूंजती तालियों की आवाज. रांची विश्वविद्यालय के आर्य भट्ट सभागार का माहौल गुरुवार शाम अलग था. गुरुओं के सम्मान में आयोजित शाम को प्रभात खबर ने सुरों से सजाया […]

रांची : मां के बाद जीवन निर्माण में सबसे अहम स्थान रखनेवाले गुरुजनों से भरा सभागार. राजस्थानी लोकगीत और सूफी गीतों पर थिरकते पैर. रह रहकर गूंजती तालियों की आवाज. रांची विश्वविद्यालय के आर्य भट्ट सभागार का माहौल गुरुवार शाम अलग था. गुरुओं के सम्मान में आयोजित शाम को प्रभात खबर ने सुरों से सजाया था. मशहूर राजस्थानी लोक गायक मामे खां ने सुरीले और सूफियाना अंदाज से खूब तालियां बटोरी. सुरीली शाम का मामे खां ने आगाज किया. धन धन रे धन हमर छोटानागपुर… राजस्थानी अंदाज में मामे खां की आवाज से निकल रही झारखंड के छोटानागपुर की सुनहरी माटी का बखान दो संस्कृति यों का मिल न करा रही थी. उन्होंने अपने सुरों से छोटानागपुर की संस्कृति , सभ्यता को जैसे जीवंत बना दिया.

राजस्थान की खूबसूरती बतायी

तालियों की गूंज श्रोताओं का हाल बयां कर रही थी. अब बारी थी मामे खां के राजस्थान की. राजस्थान के मशहूर लोकगीत केशरिया बालमा पधारो नी म्हारे देश… के जरिए उन्होंने सबको अपने यहां आने का आमंत्रण दि या. राजस्थान की खूबसूरती बतायी. फिल्म के जरिए देशभर में लोगों की जुबान पर चढ़ चुका गीत निंबूड़ा…निंबूड़ा… का ठेठ राजस्थानी स्वरूप सुनाकर उन्होंने समां बांध दिया.

संतुलन और नृत्य का संगम

माहौल को और रंगीन बना दि या भवाई नृत्य ने. इसमें नृत्यां गना के नृत्य को देख कर लोगों ने दांतों तले अंगुली दबाली. मामे खां के गीत पर सतरंगी परिधान में सजी नृत्यां गना ने अपने सिर पर सात घड़े रख कर गिलास, थाली और तलवार पर नृत्य किया. कमाल का संतुल न और धुन पर थिरकते पांव ने जमकर तालियां बटोरी. सूफी पसंद करनेवालों के लिए मामे खां ने दमादम मस्त कलंदर का नया स्वरूप पेश किया. लोकगीत को आधुनि क ताल के साथ सजा कर इसे प्रस्तुत किया गया. छाप-तिल क सब छिनी मोसे नैना मिलाइके… गीत ने लोगों को झूमने पर विवश कर दिया. राजस्थानी साज और मामे खां की आवाज ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया. बिछुड़ा गीत में मामे खां ने राजस्थान की वि हरिणी की मनोदशा को दर्शाया.

सबने की सराहना

झारखंड में राजस्थानी संगीत का आनंद लेने का मौका मिला. प्रभात खबर का कार्य क्रम काफी अच्छा रहा. देर शाम तक कार्यक्रम का आनंद लिया.
पूजा जैन

गुरुओं के सम्मान के साथ- साथ संगीत का आनंद अलग अनुभव दिया. प्रभात खबर का प्रयास सराहनीय है. सम्मान का यह अनूठा स्वरूप है.
जोसेफ

गुरुओं का सम्मान और संगीत की अलग विधा का आनंद देने के लिए प्रभात खबर को धन्यवाद.
प्रिया

यहां एक से बढ़कर एक गाने और झूमर सुनने को मिले. अंतिम समय तक कार्यक्रम का आनंद लिया. काफी अच्छा लगा.
शिवानी पोद्दार

कार्यक्रम का पूरा आनंद लिया. झारखंड में राजस्थानी संगीत सुनने का अपना अनुभव रहा. इसके शब्दों में बताया नहीं जा सकता है.

रोहन

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