जनता दरबार में ग्रामीणों ने दाखिल-खारिज व भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति देने में हो रहे विलंब, बीसा में जमीन दलालों द्वारा सरकारी रास्ते को भी बेच देने, अंचल कार्यालय में बगैर रिश्वत के किसी प्रकार के कार्य नहीं होने सहित अन्य आरोप लगाये. आरोपों पर जवाब देते हुए सीओ दीपमाला ने एक भाजपा कार्यकर्ता के ऊपर दलाली करने का आरोप लगा दिया. विधायक रामकुमार पाहन ने सीओ से कहा कि वह किसी पर आरोप कैसे लगा सकती हैं, इस पर सीओ ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता दलाली करता है, यह बात गेतलसुद के राजस्व कर्मचारी नरेंद्र पॉल ने उन्हें बतायी है.
लोगों ने उक्त कर्मचारी को वहां बुलाने की मांग की. लेकिन सीओ जनता दरबार से उठ कर डीएसपी के साथ एक-दूसरी बैठक में चली गयी. दूसरी बैठक खत्म होने पर सीओ को लोगों के द्वारा बुलाये जाने पर वे दुबारा जनता दरबार में आयीं. विधायक ने सीओ द्वारा लगाये गये आरोप पर जब स्पष्टीकरण की मांग की, तब जवाब देने के क्रम में सीओ ने पुन: आरोप लगा दिया कि कुछ लोग विधायक के नाम पर उनसे जबरन काम कराना चाहते हैं, इस पर विधायक ने सीओ से उन लोगों का नाम बताने को कहा. सीओ के द्वारा लगाये गये आरोप से वहां मौजूद लोग भी आक्रोशित हो गये व हंगामा करने लगे. इसे देखकर सीओ डर गयीं व जोर-जोर से रोने लगीं. हंगामे की खबर पाकर प्रखंड मुख्यालय में मौजूद डीएसपी अनिल शंकर, नामकुम इंस्पेक्टर एसके श्रीवास्तव, थाना प्रभारी शिवकुमार जनता दरबार में पहुंचे. डीएसपी अनिल शंकर व बीडीओ संध्या मुंडू ने काफी समझा-बुझा कर सीओ का रोना बंद कराया. इस घटना से प्रखंड मुख्यालय में मौजूद लोग हतप्रभ रह गये.