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मरीजों को अधिक कीमत पर स्टेंट लगाने का मामला : रिम्स, मेदांता व मेडिका को नोटिस
रांची : राज्य में स्टेंट के लिए अधिक वसूली करने के मामले में राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ने रिम्स, भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल और मेदांता अर्ब्दुर रज्जाक अंसारी मेमोरियल वीवर्स हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया है़ मेडिका अस्पताल को भेजे गये नोटिस में कहा गया है कि मरीजों को 1,10,000 रुपये के स्टेंट की […]
रांची : राज्य में स्टेंट के लिए अधिक वसूली करने के मामले में राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ने रिम्स, भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल और मेदांता अर्ब्दुर रज्जाक अंसारी मेमोरियल वीवर्स हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया है़
मेडिका अस्पताल को भेजे गये नोटिस में कहा गया है कि मरीजों को 1,10,000 रुपये के स्टेंट की बिक्री पर इसे सप्लाई करनेवाली एजेंसी ने अस्पताल को 31,250 रुपये का क्रेडिट नोट जारी किया है.
यह क्रेडिट नोट अस्पताल को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है. इससे अस्पताल को प्रति स्टेंट 31,250 रुपये का लाभ होता है. यह धोखाधड़ी का मामला प्रतीत होता है. अस्पताल को जुलाई 2015 से अगस्त तक की गयी कार्डियेक स्टेंट की खरीद का पूरा विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. निदेशालय ने मेदांता अर्ब्दुर रज्जाक अंसारी मेमोरियल वीवर्स हॉस्पिटल से भी पूरा विवरण मांगा है़
रिम्स ने कभी सस्ती दर पर खरीदारी का प्रयास नहीं किया : निदेशालय ने रिम्स से कहा है कि अस्पताल ने कभी सस्ती दर पर स्टेंट खरीदने का प्रयास ही नहीं किया. जबकि कैदी व बीपीएल मरीजों को सरकारी राशि से भुगतान किया जाता है. अगर रिम्स ने सस्ती दरों पर स्टेंट खरीदने का प्रयास किया होता, तो सरकार की बड़ी राशि की बचत की जा सकती थी.
निदेशालय ने रिम्स से पूछा है कि निदेशक व कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सकों द्वारा स्टीमेट बनाते समय यह पता करने का प्रयास नहीं किया गया कि जिस स्टेंट को सरकारी पैसे से खरीदा जा रहा है, उसकी कीमत और एमआरपी में इतना अंतर कैसे है. अगर थोक में रिम्स ने स्टेंट खरीदा होता, तो सरकारी राजस्व की हानि रोकी जा सकती थी़
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