17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

6200 योजनाएं अधूरी केंद्र से 236 करोड़ मांगे

रांची : पंचायतों में 6200 योजनाएं अधूरी रह गयी है. ये योजनाएं बीआरजीएफ व एसीए की है. पंचायती राज विभाग ने सारे जिलों से रिपोर्ट मंगा कर इसका आकलन कर लिया है. वहीं यह भी आकलन कर लिया गया है कि इन अधूरी योजनाअों को पूरा करने के लिए 236 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. […]

रांची : पंचायतों में 6200 योजनाएं अधूरी रह गयी है. ये योजनाएं बीआरजीएफ व एसीए की है. पंचायती राज विभाग ने सारे जिलों से रिपोर्ट मंगा कर इसका आकलन कर लिया है. वहीं यह भी आकलन कर लिया गया है कि इन अधूरी योजनाअों को पूरा करने के लिए 236 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. इसके बाद पंचायती राज विभाग ने इस राशि की मांग केंद्र सरकार से की है. आग्रह किया गया है कि राशि देने पर ही इन अधूरी योजनाअों को पूरा किया जा सकेगा.

जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने बीआरजीएफ व एसीए की योजनाएं बंद कर दी हैं. इन योजनाअों पर राशि नहीं दी जा रही है. ऐसे में यहां चल रही संबंधित सारी योजनाएं फंस गयीं. एसीए की 2300 योजनाएं व बीआरजीएफ की 3900 योजनाएं अधूरी रह गयी. यह पाया गया कि बीआरजीएफ की योजनाअों को पूरा करने में 89 करोड़ व एसीए को पूरा करने में 147 करोड़ रुपये लगेंगे. यानी कुल 236 करोड़ रुपये लगने हैं.
पंचायती राज विभाग ने केंद्र को लिखा है कि एसीए (पहले आइएपी) के तहत कुल 21700 योजनाएं व बीआरजीएफ से 15700 योजनाएं पूरी हुई है. ये योजनाएं उग्रवाद प्रभावित इलाकों के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही थीं, लेकिन इनके बंद हो जाने से दिक्कत हो गयी है.
बढ़ रहा है इस्टीमेट भी
जानकारी के मुताबिक, इन अधूरी योजनाअों का इस्टीमेट भी दिनों दिन बढ़ रहा है. पड़े-पड़े योजनाअों की स्थिति भी खराब हो रही है. निर्माणाधीन संरचना को क्षति पहुंच रही है. अगर मामला ज्यादा दिन टलेगा, तो लागत और भी बढ़ जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें