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बिहार-झारखंड में शराब की खपत प्रति व्यक्ति आधा लीटर

रांची : बिहार व झारखंड के लिए अच्छी खबर है. दोनों राज्यों में शराब के शौकीनों की संख्या दूसरे राज्यों की अपेक्षा काफी कम है. झारखंड व बिहार में हार्ड लीकर की खपत प्रति व्यक्ति 0.5 लीटर वार्षिक है. जबकि पांडिचेरी में प्रति व्यक्ति हार्ड लीकर की खपत सबसे ज्यादा 43 लीटर वार्षिक है. हार्ड […]

रांची : बिहार व झारखंड के लिए अच्छी खबर है. दोनों राज्यों में शराब के शौकीनों की संख्या दूसरे राज्यों की अपेक्षा काफी कम है. झारखंड व बिहार में हार्ड लीकर की खपत प्रति व्यक्ति 0.5 लीटर वार्षिक है. जबकि पांडिचेरी में प्रति व्यक्ति हार्ड लीकर की खपत सबसे ज्यादा 43 लीटर वार्षिक है.

हार्ड लीकर प्योर अल्कोहल के 100 लीटर में 18.4 लीटर होता है. टैक्स कम होने के कारण हार्ड लीकर की खपत के मामले में दिल्ली दूसरे और टूरिज्म आकर्षण के कारण गोवा तीसरे स्थान पर है. पंजाब-हरियाणा, सिक्किम, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में प्रतिव्यक्ति शराब की खपत पांच से छह लीटर के बीच है. यह खुलासा हाल में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन से जारी एक शोध परिणाम में हुआ है. शोध में 184 देशों को शामिल किया गया है. शराबियों की संख्या के हिसाब से भारत का150वां स्थान है.


डब्लूएचओ की यह ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट प्योर अल्कोहल के प्रति व्यक्ति खर्च पर आधारित है. भारत में 15 वर्ष से ऊपर प्रति व्यक्ति अल्कोहल की खपत मात्र 0.86 लीटर है. उगांडा में प्रति व्यक्ति 19 लीटर व रूस में 10 लीटर होने का अनुमान लगाया गया है.

हालांकि शोध में पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल किये जानेवाले शराब की खपत को शामिल नहीं किया गया है. एक अनुमान के मुताबिक भारत में पारंपरिक तौर पर बनायी जानेवाली शराब की प्रति व्यक्ति खपत 1.7 लीटर है. भारत के कई राज्यों में महुआ, हांडी, छंग जैसे पारंपरिक पेय की खपत ज्यादा है. अगर पारंपरिक और हार्ड लीकर की खपत जोड़ दी जाये, तो भी प्रति व्यक्ति खपत 2.6 लीटर होती है. यह संख्या इतनी कम है कि भारत शराब की खपत वाले टॉप के सौ देशों में शामिल नहीं हो सकता़ हालांकि भारत में शराब की माप आइएफएमएल अर्थात इंडियन मेड फॉरेन लीकर से होती है. इस लीकर में प्योर अल्कोहल की मात्रा 42.8 फीसदी होती है.

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