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आंदोलन. पारा शिक्षकों के एक गुट ने पठन-पाठन बंद किया, तो दूसरे ने काला बिल्ला लगा कर कक्षाएं लीं

रांची: सरकार से वार्ता विफल होने के बाद पारा शिक्षकों के एक गुट झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ ने शुक्रवार से हड़ताल शुरू की़ दूसरे गुट झारखंड पारा शिक्षक समन्वय समिति के शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया. झारखंड पारा शिक्षक समन्वय समिति ने एक सितंबर से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. […]

रांची: सरकार से वार्ता विफल होने के बाद पारा शिक्षकों के एक गुट झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ ने शुक्रवार से हड़ताल शुरू की़ दूसरे गुट झारखंड पारा शिक्षक समन्वय समिति के शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया. झारखंड पारा शिक्षक समन्वय समिति ने एक सितंबर से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय दूबे ने बताया कि हड़ताल पूरी तरह सफल रही.

गुरुवार की रात रांची से पारा शिक्षक अपने-अपने जिलों को रवाना हुए थे. शुक्रवार सुबह तक सभी पारा शिक्षकों को इसकी सूचना नहीं मिल पायी थी, इस कारण सुबह में कुछ पारा शिक्षक स्कूल चले गये थे. सोमवार से शत-प्रतिशत पारा शिक्षक हड़ताल पर रहेंगे. इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. समझौता के बाद भी उन्हें सहमति पत्र नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों की एक सूत्री मांग वेतनमान है. जब तक वेतनमान नहीं दिया जाता हड़ताल वापस नहीं होगी. इधर शिक्षा विभाग का कहना है कि पहले दिन हड़ताल का कोई खास असर नहीं देखा गया. विद्यालयों में पठन-पाठन सामान्य रूप से हुआ.

झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक हंसराज सिंह ने शुक्रवार को सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों के साथ विडियो कांफ्रेंसिंग की. हड़ताल से उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली. झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक समन्वय समिति के समर्थक शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया. पारा शिक्षक 31 अगस्त तक काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. 31 अगस्त की शाम सभी जिलों में मशाल जुलूस निकालेंगे. एक सितंबर से दूसरे गुट के शिक्षक भी हड़ताल पर चले जायेंगे. दोनों गुटों के पारा िशक्षकों के हड़ताल से शिक्षण कार्य प्रभावित होगा़
निदेशक ने की वीडियाे कांफ्रेसिंग
रांची. झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक हंसराज राज सिंह ने शुक्रवार को सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया गया गया कि हड़ताल से पठन-पाठन बाधित नहीं होने दें. आवश्यकता हाे तो सहायक शिक्षकाें की प्रतिनियुक्ति की जाये. उल्लेखनीय है कि पारा शिक्षकों के आंदोलन शुरू होने के बाद चार हजार सहायक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. हड़ताली पारा शिक्षकों के लिए नो वर्क नो पे लागू कर दिया गया है. स्कूल में तालाबंदी करने वाले व मध्याह्न भोजन को बाधित करने वाले शिक्षकों को चिह्नित कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

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