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98 शहरों की सूची जारी: रांची बनेगी स्मार्ट सिटी

नयी दिल्ली : पुराने शहरों को स्मार्ट बनाने के मकसद से गुरुवार को सरकार ने 98 स्मार्ट सिटी के नामों का एलान कर दिया है. वैसे सूची में मुंबई, बेंगलुरु और पटना को शामिल नहीं किया गया है. शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने प्रेस कॉन्फ्रेस में उन 98 शहरों के नाम की घोषणा की […]

नयी दिल्ली : पुराने शहरों को स्मार्ट बनाने के मकसद से गुरुवार को सरकार ने 98 स्मार्ट सिटी के नामों का एलान कर दिया है. वैसे सूची में मुंबई, बेंगलुरु और पटना को शामिल नहीं किया गया है. शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने प्रेस कॉन्फ्रेस में उन 98 शहरों के नाम की घोषणा की जिनकी तसवीर सरकार बदलने वाली है.

स्मार्ट सिटी की लिस्ट में सबसे ज्यादा शहर उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु से क्रमश: 12-12 हैं. इसके बाद महाराष्ट्र के 10, ि‍मध्य प्रदेश के सात, गुजरात के छह, कर्नाटक के छह, पश्चिम बंगाल के चार, बिहार के तीन और झारखंड के एक शहर को स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा. सरकार ने 100 स्मार्ट सिटी बनाने का संकल्प लिया था. बचे हुए दो शहरों का एलान बाद में होगा. पांच साल में इन स्मार्ट सिटीज पर सरकार 96,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. राज्यों ने ही परियोजना में शामिल किये जाने वाले शहरों के नाम भेजे हैं.

इन प्रस्तावित 98 स्मार्ट सिटी की आबादी करीब 12 करोड़ है जो 2011 की जनगणना के मुताबिक देश की कुल शहरी जनसंख्या का 35 फीसदी है.
यूपी-जम्मू-कश्मीर पर पेच : केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर की सरकार ने अपनी पसंद तय करने के लिए और वक्त मांगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने 13वीं स्मार्ट सिटी के लिए और सूचना मांगी है.’ यूपी में सिटी चैलेंज प्रतियोगिता में मेरठ और रायबरेली दोनों को बराबर अंक मिले थे. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून को सिटी चैलेंज प्रतियोगिता के जरिये चुने जाने वाले 100 स्मार्ट शहरों के लिए मानदंड एवं दिशा-निर्देश की घोषणा के साथ परियोजना की शुरुआत की थी.
झारखंड : रांची
बिहार : भागलपुर, मुजफ्फरपुर व बिहारशरीफ
पश्चिम बंगाल : न्यू टाउन कोलकाता, बिधाननगर, दुर्गापुर और हल्दिया
48,000 करोड़ खर्च
100 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर कुल 48,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. हर स्मार्ट सिटी को पांच साल तक केंद्र से सालाना 100 करोड़ रुपये मिलेंगे. पहले चरण में 20 शहर और फिर अगले दो साल में बाकी शहरों का विकास किया जायेगा. केंद्र ने 25 जून को स्मार्ट सिटी को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी. सिटी कंपिटीशन चैलेंज के बाद राज्यों ने केंद्र सरकार को अपनी लिस्ट सौंपी है.
ऐसी होंगी सुविधाएं और सहूलियत
बिजली और पानी
स्मार्ट सिटी में 24×7 पानी और िवद्युत आपूर्ति होगी.
100% घरों में बिजली कनेक्शन होंगे.
प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पेयजल.
स्वास्थ्य
इमरजेंसी रिस्पांस टाइम 30 मिनट से ज्यादा नहीं.
हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी होगी.
एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरोंवाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरोंवाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरोंवाला बड़ा अस्पताल होगा.
हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर होगा.
शिक्षा
15% इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए.
हर 2500 लोगों पर एक प्री-प्राइमरी, हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी व हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का इंटिग्रेटेड स्कूल.
सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज की स्थापना.
10 लाख की आबादी पर एक विश्विद्यालय, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज.
यातायात
एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में 45 मिनट से ज्यादा नहीं लगेगा.
दो मीटर चौड़े फुटपाथ.
रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो.
आवास
95% रिहाइशी इलाके ऐसे होंगे जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क.
20% मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए.
30% रिहाइशी व बिजनेस इलाके बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर के दायरे में.
वाईफाई कनेक्टिविटी
सभी घरों तक सौ एमबीपीसी वाईफाई कनेक्टिविटी.

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