सरकार के निर्देश पर मामले को लेकर पूर्व से निगरानी ब्यूरो में केस दर्ज है़ मामले में जांच के दौरान निगरानी ने उन पर गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर डीएसपी के पद पर बहाल होने का आरोप सही पाया था़ जांच के दौरान मुधुसूदन ने निगरानी के अधिकारियों के पास यह तर्क दिया था कि उन्हें बचपन में ही अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति ने गोद ले लिया था़ इसी वजह से उन्होंने अनुसूचित जाति होने का प्रमाण पत्र तैयार कराया था, लेकिन जांच के दौरान डीएसपी के इस तर्क को निगरानी ने मानने से इनकार कर दिया था़.
निगरानी ने जांच पूरी कर मधुसूदन के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के लिए सरकार से मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी़ निगरानी की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही मुख्यमंत्री ने मधुसूदन के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी है़