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देवघर में पेड़ा जांच की रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं
रांची : देवघर श्रावणी मेले के दौरान शिव भक्त प्रसाद के रूप में पेड़ा का उपयोग करते हैं. वैसे तो देवघर में साल भर पेड़े की मांग रहती है, पर सावन महीने में पेड़े की बिक्री में भारी इजाफा होता है. पेड़े की शुद्धता कभी सुनिश्चित नहीं हो पाती. सरकार मेले के अवसर पर हर […]
रांची : देवघर श्रावणी मेले के दौरान शिव भक्त प्रसाद के रूप में पेड़ा का उपयोग करते हैं. वैसे तो देवघर में साल भर पेड़े की मांग रहती है, पर सावन महीने में पेड़े की बिक्री में भारी इजाफा होता है. पेड़े की शुद्धता कभी सुनिश्चित नहीं हो पाती. सरकार मेले के अवसर पर हर वर्ष खाद्य निरीक्षकों को देवघर में तैनात करती है. खाद्य निरीक्षक पेड़े का सैंपल इकट्ठा करते हैं.
प्रयोगशाला में इसकी जांच होती है. सब स्टैंडर्ड या मिलावटी सैंपल की सूचना जिला प्रशासन को दी भी जाती है, पर इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती. वर्ष 2014 के श्रावणी मेले में देवघर से पेड़े के करीब 84 सैंपल जांच के लिए भेजे गये थे. इनमें से 30 फीसदी सैंपल खराब निकले, पर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. एसडीअो देवघर ने मीटिंग कर जांच को पुख्ता करने तथा दोषियों को सजा दिलाने को कहा था, पर यह हो नहीं सका. इस बार भी रांची के खाद्य निरीक्षक केपी सिंह तथा धनबाद के खाद्य निरीक्षक आरबी श्रीवास्तव की प्रतिनियुक्ति देवघर में की गयी है. दोनों ने 25 जुलाई को योगदान भी दे दिया है. केपी सिंह ने बताया कि उन्होंने 41 सैंपल इकट्ठा भी कर लिये हैं. हालांकि अब तक कोई सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला नहीं भेजा गया है.
कार्रवाई किसके जिम्मे : सब स्टैंडर्ड, मिलावटी तथा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सैंपल के आधार पर कार्रवाई जिले के अपर मुख्य चिकित्सा प्रभारी (एसीएमअो) को करनी होती है. अंतत: सिविल सर्जन व उपायुक्त जैसे वरीय अधिकारियों को ही इसकी मॉनीटरिंग करनी है.
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