अवैध माइनिंग पूरी तरह से बंद हो गयी हैं. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत अवैध माइनिंग का फोटोग्राफ्स देखने के बाद खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि चल रहे अवैध खनन के पास स्कूल और मंदिर है. वहां लोग भी रहते हैं. यदि किसी बच्चे को खरोंच भी आयी, तो कोर्ट किसी को माफ नहीं करेगा. बिना अधिकारियों के संरक्षण (छतरी) के अवैध माइनिंग कार्य संभव नहीं हो सकता है.
जो छतरी देकर प्रोटेक्शन दे रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि हजारीबाग में 37 अवैध माइनिंग को बंद किया गया है. वहीं प्रार्थी की ओर से सरकार के जवाब का विरोध करते हुए कहा गया कि हजारीबाग के ईचाक प्रखंड के सारंग सहित अन्य इलाकों में अरैध माइनिंग अब भी जारी है. पास में ही स्कूल है, मंदिर, इंदिरा आवास में लोग रहते है. प्रदूषण से क्षेत्र प्रभावित हो रहा है. गौरतलब है कि प्रार्थी हाइकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने जनहित याचिका दायर कर हजारीबाग में स्टोन माइनिंग से हो रहे प्रदूषण को रोकने का आग्रह किया है.