Advertisement
जनजातीय साहित्य के प्रसार में मिलेगी मदद : कुलपति
ट्राइबल नॉलेज सेंटर का हुआ उदघाटन रांची : ‘आदिवासी लूर अड्डा’ जनजातीय साहित्य व कला के प्रचार – प्रसार में मददगार साबित होगा. छात्र अपनी पढ़ायी व शोधकार्य के लिए इसका उपयोग कर सकतें हैं. यह बात रांची विवि के वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय ने रांची कॉलेज के पीछे हातमा में ट्राइबल नॉलेज सेंटर […]
ट्राइबल नॉलेज सेंटर का हुआ उदघाटन
रांची : ‘आदिवासी लूर अड्डा’ जनजातीय साहित्य व कला के प्रचार – प्रसार में मददगार साबित होगा. छात्र अपनी पढ़ायी व शोधकार्य के लिए इसका उपयोग कर सकतें हैं. यह बात रांची विवि के वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय ने रांची कॉलेज के पीछे हातमा में ट्राइबल नॉलेज सेंटर के उदघाटन के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि कही.
मैके पर लेखिका व सामाजिक कार्यकर्ता, रमणिका गुप्ता ने कहा कि अखिल भारतीय आदिवासी साहित्यिक मंच आदिवासियों के मूल्य व दृष्टिकोण से अन्य लोगों को अवगत कराना चाहता है.
उनके बीच संवाद कायम करना चाहता है. आदिवासियों की समृद्ध विरासत लुप्त न हो, यह आगे बढ़ती रहे. मंच द्वारा अनुवाद के कार्य भी कराये जा रहे हैं. रांची विवि में सोशल साइंसेज के डीन, डॉ करमा उरांव ने कहा कि संविधान में आदिवासी भाषा साहित्य के संरक्षण के कई प्रावधान हैं, पर सरकारों की उदासीनता से इन्हें अपेक्षित सुरक्षा नहीं मिल रही.
मौके पर फिल्मकार मेघनाथ, बीजू टोप्पो, सुनील मिंज, डॉ डीएन तिवारी, प्रो चौठी उरांव, डॉ सावित्री बड़ाईक, डॉ रोज केरकेट्टा, जसिंता केरकेट्टा, डॉ त्रिवेणी नाथ साहू, डॉ उमेश नंद तिवारी, डॉ नंद किशोर साहू ग्लैडसन डुंगडुंग, अखिलेश पांडेय, लूर अड्डा के राज्य संयोजक डॉ हरि उरांव समेत अन्य मौजूद थे.
कई पुस्तकें हैं उपलब्ध
आदिवासी लूर अड्डा में आदिवासी शौर्य एवं विद्रोह, रेड जोन, क्रोन जोगा, पलास के फूल, सोन पहाड़ी, द उरांव ऑफ छोटानागपुर, हूज कंट्री इज इट एनीवे? खंटकट्टी गांव एवं संस्कृति, संताल हूल, खीरी झरिया, सरना फूल, युद्धरत आम आदमी समेत झारखंडी व आदिवासी भाषा, साहित्य, संस्कृति, समाज, विकास, इतिहास आदि से जुड़ी कई पुस्तकें उपलब्ध हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement