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साइकिल स्टैंड व बरामदे में चलती हैं कक्षाएं
राम लखन सिंह यादव कॉलेज. कक्षा व शिक्षक सहित बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है रांची : रांची विवि का अंगीभूत कॉलेज है रामलखन सिंह यादव कॉलेज. कोकर में अवस्थित यह कॉलेज अपनी जमीन बचाने के लिए लगभग 30 सालों से संघर्ष कर रहा है. इस कॉलेज की जमीन का मामला कोर्ट में […]
राम लखन सिंह यादव कॉलेज. कक्षा व शिक्षक सहित बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है
रांची : रांची विवि का अंगीभूत कॉलेज है रामलखन सिंह यादव कॉलेज. कोकर में अवस्थित यह कॉलेज अपनी जमीन बचाने के लिए लगभग 30 सालों से संघर्ष कर रहा है. इस कॉलेज की जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा है. इसकी जमीन से जुड़े कई कागजात भी गायब हो चुके हैं. जमीन विवाद के कारण इसका विकास नहीं हो सका है. इस कॉलेज में वर्तमान में लगभग नौ हजार विद्यार्थी (इंटर सहित) हैं. जिन्हें पढ़ाने के लिए मात्र 37 शिक्षक हैं. क्लास रूम की स्थिति बहुत ही खराब है.
लगभग आठ क्लास रूम हैं, लेकिन सभी एसबेस्टस की छतवाले हैं. इस वर्ष ओला पड़ने पर कई जगह पर एसबेस्टस टूट गये हैं. फिलहाल कारपेट देकर इसे ढक दिया गया है.
ताकि बरसात का पानी अंदर न घुसे. सबसे बड़े क्लास रूम में अधिक से अधिक 80 व छोटे क्लास रूम में 25 से 30 विद्यार्थी बैठ सकते हैं. कॉलेज में साइकिल स्टैंड बनाया गया है, लेकिन जगह की कमी के कारण इसी स्टैंड में कक्षाएं आयोजित होती हैं. यहीं पर परीक्षा का आयोजन भी किया जाता है. बरामदे में भी कक्षाएं व परीक्षा का आयोजन किया जाता है. शौचालय व बाथरूम हाल में ही बने हैं. प्रैक्टिकल रूम में थ्योरी की कक्षाएं चलती हैं. कार्यालय भी पुराने भवन में चल रहा है, उसकी भी स्थिति ठीक नहीं है.
एक कक्षा चलती है, तो दूसरी के लिए इंतजार
जमीन मालिक द्वारा कॉलेज को नौ कट्ठा जमीन गिफ्ट स्वरूप दी गयी है. वर्ष 2007 में इसके निर्माण के लिए पहल भी हुई, लेकिन अभी तक इस भूखंड में न तो क्लास रूम बना और न ही इसे उपयोग में लाया जा सका है. जगह की कमी के कारण अगर कोई एक शिक्षक क्लास ले रहे होते हैं, तब तक अन्य विषय के विद्यार्थी व शिक्षक बाहर खड़े होकर घंटी बजने का इंतजार करते हैं. जैसे ही घंटी बजती है, क्लास ले रहे शिक्षक व विद्यार्थियों को बाहर निकलने के लिए कहा जाता है. कक्षा रूम कम रहने के कारण कॉमर्स व कुछ भाषा विषयों की पढ़ाई सुबह आठ बजे से शुरू हो जाती है.
एक शिक्षक के भरोसे दो हजार विद्यार्थी
इतिहास में दो हजार विद्यार्थी हैं, लेकिन एक ही शिक्षक हैं. भौतिकी विषय में लगभग 120 विद्यार्थी हैं, जबकि शिक्षक एक ही हैं. यही हाल रसायनशास्त्र, गणित, नागपुरी, कुड़ुख, कुरमाली, मुंडारी, बांग्ला, भूगोल आदि विषयों की है.
किसी-किसी विषय में अनुबंध पर एक शिक्षक कार्यरत हैं. डिग्री सेक्शन के कोई शिक्षक बीमार पड़ गये या फिर छुट्टी पर चले गये, तो इंटर सेक्शन के अनुबंध पर नियुक्त शिक्षक मोरचा संभालते हैं. राजनीतिशास्त्र विषय में लगभग दो हजार विद्यार्थी हैं, लेकिन शिक्षक दो हैं, इसमें भी एक शिक्षक फिलहाल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य हैं. हिंदी में भी दो हजार विद्यार्थी व शिक्षक दो ही हैं.
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