पुस्तक खरीद मामले में विनोबा भावे विवि के पूर्व कुलपति पर लगा है आरोप
राज्यपाल के निर्देश पर महालेखाकार ने जांच टीम का गठन किया
राज्यपाल ने दी पूर्व वीसी पर लगे आरोपों की जांच का आदेश
रांची : विनोबा भावे विवि के पूर्व कुलपति डॉ आरएन भगत द्वारा 90 लाख रुपये की पुस्तक खरीद मामले की जांच अब महालेखाकार द्वारा की जायेगी. राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुरमू ने बुधवार को उक्त गड़बड़ी की जांच के लिए महालेखाकार को टीम गठित करने का आदेश दिया. राज्यपाल के आदेश पर अंकेक्षण महालेखाकार ने टीम का गठन कर बुधवार से ही जांच शुरू करा दी.
राज्यपाल ने विनोबा भावे विवि के कुलपति को आदेश दिया है कि महालेखाकार की टीम को जांच कार्य में विवि स्तर पर पूरा सहयोग किया जाये. उल्लेखनीय है कि विवि में पुस्तक खरीद में हुई गड़बड़ी से संबंधित मामले की शिकायत मिलने पर राज्यपाल ने सरकार को निगरानी से जांच कराने का आदेश दिया था. इस मामले में निगरानी द्वारा सरकार को जांच रिपोर्ट भी भेजी गयी थी.
निगरानी ने दी थी क्लीनचिट
निगरानी ने भौतिक सत्यापन में पाया कि सभी पुस्तकें विवि में उपलब्ध हैं व इसकी खरीद नियमों के तहत की गयी है. इसलिए जब गड़बड़ी नहीं है, तब इसमें किसी अधिकारी की संलिप्तता का सवाल ही नहीं उठता. इसके बाद शिकायत की गयी कि निगरानी ने ठीक से जांच नहीं की है.
राज्यपाल के निर्देश पर निगरानी ने दुबारा इसकी जांच की. इसमें भी किसी प्रकार की अनियमितता से इनकार किया गया. निगरानी की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने मामले की जांच बंद करा दी. इस पर राजभवन द्वारा सरकार से पूरे मामले की जानकारी मांगी गयी, तो मुख्य सचिव ने राजभवन को पत्र लिख कर स्पष्ट किया कि राज्यपाल की अनुमति के बिना जांच बंद नहीं हो सकती. कार्रवाई करने से पूर्व ऑडिट कराना आवश्यक है. इसके बाद ही राज्यपाल ने पहले ऑडिट कराने का निर्णय लिया है.