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बंधु तिर्की मैदान में कूदे, कैंप करने की तैयारी में जुटे
लोहरदगा उप चुनाव हो सकता है रोमांचक रांची : मांडर से विधायक रहे बंधु तिर्की लोहरदगा उपचुनाव में भाग्य आजमायेंगे. बंधु तिर्की ने चुनावी अभियान शुरू भी कर दिया है. लोहरदगा में अपने समर्थकों और कैडरों को गोलबंद करने लगे हैं. वह पिछले कई दिनों से मुहिम में लगें हैं. 21 जुलाई से वह लोहरदगा […]
लोहरदगा उप चुनाव हो सकता है रोमांचक
रांची : मांडर से विधायक रहे बंधु तिर्की लोहरदगा उपचुनाव में भाग्य आजमायेंगे. बंधु तिर्की ने चुनावी अभियान शुरू भी कर दिया है. लोहरदगा में अपने समर्थकों और कैडरों को गोलबंद करने लगे हैं. वह पिछले कई दिनों से मुहिम में लगें हैं.
21 जुलाई से वह लोहरदगा में ही कैंप करेंगे. श्री तिर्की के चुनावी मैदान में उतरने के बाद मुकाबला रोचक हो गया है. उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत की सीट पर ही उनके पार्टी से भीतर घात का भी संकेत है. श्री भगत से नाराज चल रहे कांग्रेस के कुछ बड़े नेता श्री तिर्की को हवा दे रहे हैं. इन नेताओं से श्री तिर्की की नजदीकियां बढ़ी हैं.
इधर, श्री तिर्की लोहरदगा से बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं. पिछले दिनों इस सिलसिले में श्री मरांडी से उनकी बातचीत भी हुई है. श्री तिर्की की कोशिश होगी कि वह निर्दलीय नहीं, बल्कि पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ें. बंधु के चुनाव लड़ने से कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी सुखदेव भगत का समीकरण बिगड़ सकता है.
बाबूलाल संघर्षशील नेता हैं, उनसे बात हुई है : बंधु
पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि वह लोहरदगा में निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे. बाबूलाल मरांडी संघर्षशील नेता हैं. वह पूरे राज्य में घूम रहे हैं. जनता के साथ खड़े हैं. हमारी भी बात श्री मरांडी से हुई है.
चुनाव के मुद्दे को लेकर सहमति बनाने का प्रयास चल रहा है. लोहरदगा में हम विपक्षी पार्टियों से भी समर्थन मांगेंगे. झामुमो के नेताओं से भी बात करूंगा.
उम्मीद है कि विपक्ष पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा. श्री तिर्की ने कहा कि मेरा मानना है कि भूमि अधिग्रहण, आदिवासी-मूलवासी की आवाज सदन में उठाने के लिए मजबूत प्रतिनिधि की जरूरत है. मेरा मकसद केवल विधायक बनना नहीं, लोहरदगा की जनता की आवाज बनना है. पिछले 31 वर्षो में लोहरदगा का वह विकास नहीं हुआ, जो होना चाहिए था. वर्तमान सरकार ने केवल सड़क, भवन बनाने की जिम्मेवारी समझ ली है. जनता के अधिकार छीने जा रहे हैं.
भाजपा-आजसू में भी पेंच
लोहरदगा आजसू की सीटिंग सीट है. यहां से विधायक रहे कमल किशोर भगत को सात वर्ष की सजा सुनाये जाने के बाद यह सीट खाली हुई है. आजसू ने भी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. 15 जुलाई को लोहरदगा में आजसू की सभा है.
वहीं भाजपा का एक खेमा लोहरदगा सीट पर दावेदारी कर रहा है. लोहरदगा में भाजपा के आदिवासी नेता भाग्य आजमाना चाहते हैं. प्रदेश नेतृत्व पर दबाव भी बनाया है. वहीं आजसू से विधायक रहे कमल किशोर भगत यह सीट अपने परिवार के ही कब्जे में रखना चाहते हैं.
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