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लापरवाही. नहीं मिला 10 करोड़ का लाभ, अफसरों की गलती किसानों को नुकसान
रांची: अधिकारियों के कारण किसानों को 10 करोड़ रुपये का लाभ नहीं मिल सका. इसे अब ट्रेजरी में जमा करने का आदेश विभागीय मंत्री रणधीर सिंह ने दे दिया है. इस पैसे से किसानों के खेतों में बोरिंग करना था और सौर ऊर्जा से चलनेवाला मोटर लगाना था. यह स्कीम पिछले वित्तीय वर्ष (2014-15) की […]
रांची: अधिकारियों के कारण किसानों को 10 करोड़ रुपये का लाभ नहीं मिल सका. इसे अब ट्रेजरी में जमा करने का आदेश विभागीय मंत्री रणधीर सिंह ने दे दिया है. इस पैसे से किसानों के खेतों में बोरिंग करना था और सौर ऊर्जा से चलनेवाला मोटर लगाना था. यह स्कीम पिछले वित्तीय वर्ष (2014-15) की था. विभाग ने ट्रेजरी के नियमावली 300 का जिक्र करते हुए राशि की पुन:वैधता (रिवैलिडिटी) पर रोक लगा दी है.
क्या है मामला : पिछले साल कृषि विभाग ने तय किया था कि 10 करोड़ रुपये की लागत से किसानों के खेतों में डीप बोरिंग करायी जायेगी. वहीं, सौर ऊर्जा संचालित एक मोटर पंप भी लगाया जायेगा.
2014-15 में इस राशि को भूमि संरक्षण विभाग खर्च नहीं कर पाया. विशेष आग्रह पर विभागीय सचिव ने इस राशि को 15 मई 2015 तक खर्च करने का आदेश जारी कर दिया. 15 मई 2015 तक सोलर मोटर लगाने की प्रक्रिया फाइनल कर एजेंसी का चयन कर लेना था. इसके लिए तीन-चार बार टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गयी.
टेंडर फाइनल करने के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है, लेकिन तय समय तक एजेंसी का चयन नहीं हो सका. इसके बाद भूमि संरक्षण निदेशालय ने कृषि विभाग से राशि मार्च 2016 तक खर्च करने की अनुमति मांगी, जिसे विभाग ने देने से इनकार कर दिया है.
इस साल मिले हैं 15 करोड़ रुपये
इसी तरह की योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ रुपये का प्रावधान विभाग ने किया है. राशि विभाग ने निदेशालय को दे दी है. इसका राज्यादेश भी निकल चुका है. इस योजना के लिए भी अभी तक सौर ऊर्जा संचालित मोटर उपलब्ध करानेवाली एजेंसी का चयन नहीं किया गया है.
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