एजेंसियां, जयपुर फर्जी जनहित याचिका दायर करनेवाले डॉ मुकेश बाबू गोयल पर राजस्थान हाइकोर्ट ने पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट के मुताबिक, गोयल ने याचिका दाखिल कर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज फेडरेशन द्वारा प्राइवेट कॉलेजों में होनेवाले प्री मेडिकल टेस्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस याचिका के आधार पर कोर्ट ने 10 जून को होनेवाले पीसीपीएमटी परीक्षा पर रोक लगा दी. गुरु वार को केस की सुनवाई के दौरान फेडरेशन ने बताया कि ईमानदारी से परीक्षा कराने की पूरी तैयारी की गयी थी. याचिकाकर्ता के आरोप गलत हैं.फेडरेशन के वकील आरएन माथुर ने कहा कि फेडरेशन खुद परीक्षा का आयोजन करवा सकता था. लेकिन, भ्रष्टाचार या किसी गलती से बचने के लिए एमडीएस यूनिवर्सिटी को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी, जो सरकार की स्वायत्त संस्था है. छात्रों को ओएमआर शीट्स दी गयी थी, जिनमें हर शीट का अलग-अलग व्यक्ति द्वारा निरीक्षण किया गया था. परीक्षा के दौरान फोन जैमर लगा दिये गये थे और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से छात्रों की चेकिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगा दिया.
फर्जी पीआइएल दाखिल की, लगा पांच लाख जुर्माना
एजेंसियां, जयपुर फर्जी जनहित याचिका दायर करनेवाले डॉ मुकेश बाबू गोयल पर राजस्थान हाइकोर्ट ने पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट के मुताबिक, गोयल ने याचिका दाखिल कर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज फेडरेशन द्वारा प्राइवेट कॉलेजों में होनेवाले प्री मेडिकल टेस्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस याचिका के आधार पर कोर्ट ने […]
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