रांची : महाराष्ट्र के सतारा में झारखंड के 500 से अधिक मजदूर स्टेशन पर सोने को विवश हैं. शनिवार को इन मजदूरों की ट्रेन रेलवे स्टेशन से थी. इस कारण सभी मजदूर अपने बच्चों व परिजनों के साथ स्टेशन ट्रेन पकड़ने के लिए आये थे. यहां आने के बाद मजदूरों को बताया गया कि ट्रेन रद्द हो गयी है. इस पर मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. मजदूरों ने कहा कि 19 मई को भी सभी को स्टेशन बुलाया गया था. यहां आने के बाद अचानक हमें बताया गया कि ट्रेन रद्द हो गयी है. उस समय हमें यह कहा गया था कि 23 मई को दोबारा ट्रेन आयेगी. उससे आपलाेग अपने घर चले जाइयेगा.
विरोध प्रदर्शन कर रहे मजदूरों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज लगातार दूसरी बार स्टेशन बुलाकर ट्रेन रद्द करने पर मजदूरों ने जब विरोध प्रदर्शन किया तो पुलिस ने यहां मजदूरों की जमकर पिटाई की. पुलिस से बचकर कुछ मजदूर अपने किराये के मकान में पहुंचे, तो यहां मकान मालिक ने भी मजदूरों को घर में घुसने से रोक दिया. मकान मालिक ने कहा कि तुमलोग तो ट्रेन पकड़ने गये थे.
अब जाओ ट्रेन से अपने घर, हम तुम्हें यहां नहीं घुसने देंगे. इस पर मजदूरों ने इसकी शिकायत जिले के डीएम व एसपी से भी की. लेकिन इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया. किराये के घर में भी प्रवेश नहीं मिलने से छोटे-छोटे बच्चों के साथ ये मजदूर रेलवे स्टेशन के बाहर ही रात गुजारने को विवश हैं. रांची, रामगढ़, गिरिडीह, हजारीबाग व बोकारो के हैं अधिकतर मजदूर महाराष्ट्र के सतारा में राजमिस्त्री का काम करने गये ये अधिकतर मजदूर रांची, रामगढ़, गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो व झारखंड के अन्य जिलों के हैं. इन मजदूरों की सरकार से एक ही मांग है कि यहां झारखंड के मजदूर बहुत परेशानी में हैं, हमें प्रताड़ित किया जा रहा है. इसलिए जल्द से जल्द राज्य सरकार हमें अपने राज्य वापस बुला ले.