रांची: पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा की द्वितीय पुण्यतिथि पर शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने खेलगांव स्थित डॉ रामदयाल मुंडा कला भवन परिसर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने डॉ मुंडा के जीवन पर केंद्रित प्रदर्शनी व कैनवास ऑन म्यूजिक चित्रंकन कार्यक्रम का उदघाटन भी किया.
उन्होंने कहा कि डॉ मुंडा ने विश्व पटल पर आदिवासी परंपरा, भाषा व संस्कृति को विशिष्ट पहचान दिलायी. अपनी भाषा, कला व संस्कृति सहेज कर रखने की जरूरत है. विभाग की सचिव वंदना दादेल ने कहा : हमें डॉ मुंडा के सांस्कृतिक – बौद्धिक योगदान जानना जरूरी है, अन्यथा दिशाहीन हो जायेंगे. भाषा कला संस्कृति अखड़ा की महासचिव वंदना टेटे ने कहा कि आदिवासी संस्कृति, आदि धर्म व दर्शन के कारण ही हम गौरवान्वित हैं.
वृत्तचित्र का प्रदर्शन : कार्यक्रम के दौरान डॉ मुंडा के जीवन पर बनी वृत्तचित्र ‘ नाची से बांची’ का प्रदर्शन किया गया. इसे आंट रॉबर्ट एक्का ने प्रस्तुत किया. डॉ बीपी केशरी, डॉ रोज केरकेट्टा, प्रो संजय बसु मल्लिक, प्रो अमिता मुंडा, डॉ आरके चौधरी, डॉ हरेन ठाकुर सहित अन्य ने अपने विचार रखे. संस्कृतिकर्मी मुकुंद नायक, मेघनाथ, फादर स्टेन स्वामी, अशोक कुमार, प्रो कमल बोस, रोशन टेटे मौजूद थे. आयोजन कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग ने किया था.