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मैगी के सैंपल ओके
रांची : कोलकाता के एक्सपर्ट लेबोरेटरी भेजे गये मैगी के कुल 18 सैंपल जांच में ओके (ठीक) पाये गये हैं. प्रयोगशाला ने उत्पाद में लेड व अन्य मानकों की जांच की तथा इसे तय मानक के तहत (विदिन परमिसिबल लिमिट) बताया है. रिपोर्ट मेल से भेजी गयी है. इसकी हार्ड कॉपी बाद में आयेगी. उधर […]
रांची : कोलकाता के एक्सपर्ट लेबोरेटरी भेजे गये मैगी के कुल 18 सैंपल जांच में ओके (ठीक) पाये गये हैं. प्रयोगशाला ने उत्पाद में लेड व अन्य मानकों की जांच की तथा इसे तय मानक के तहत (विदिन परमिसिबल लिमिट) बताया है. रिपोर्ट मेल से भेजी गयी है. इसकी हार्ड कॉपी बाद में आयेगी.
उधर कोलकाता के ही मित्र एसएम लैब में होने वाली मैगी का मोनो सोडियम ग्लुटामेट (एमएसजी) जांच अभी बाकी है. गौरतलब है कि लैब ने राज्य सरकार से एडवांस की मांग की थी. इस पर उसे बिल फॉरमैट देने को कहा गया था. फॉरमैट मिल जाने के बाद एसीएमओ रांची ने लैब को 20 हजार रु आरटीजीएस के माध्यम से उपलब्ध करा दिया है. इस लैब में भी मैगी के 18 सैंपल की जांच होनी है. एमएसजी टेस्ट दरअसल अजी-नो-मोटो की माप के लिए किया जाना है. माना जाता है कि किसी खाद्य में अजी-नो-मोटो की एक तय मानक से अधिक मात्र स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
इससे सिर दर्द, छाती दर्द व पसीना आने जैसी शिकायत की बात कही जाती है. पर इसका कोई शोध आधारित प्रमाण नहीं है. गौरतलब है कि इससे पहले पश्चिम बंगाल सहित कुछ अन्य राज्यों में भी मैगी का लैब में टेस्ट किये जाने पर रिपोर्ट ओके पायी गयी है.
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