रांचीः चेंबर सशक्त माध्यम है, जो व्यापारियों-उद्यमियों की समस्याओं के बारे में काम कर सके. इस बार के चेंबर चुनाव काफी अहम हैं. अगले साल लोकसभा व राज्य में विधान सभा के चुनाव होने हैं. इस स्थिति में चेंबर का महत्व और बढ़ जाता है. आज व्यापारी काफी सजग हैं. जो राजनीतिक दल व्यापारी की हित की बात करेगा, हम उसे ही चुनेंगे. हमें ऐसा माहौल बनाना होगा. सरकार व अधिकारियों की निगाहें चेंबर चुनाव पर.
हमें अपनी बातें मनवानी हैं प्रेम से हो या लड़कर. अभी सरकार ने क्रय नीति निरस्त कर दी है. इसका विरोध करना होगा. अब 25 वस्तुओं को इस सूची से बाहर कर दिया गया है. इन चीजों की खरीदारी दूसरे राज्यों से भी हो सकेगी. इससे स्थानीय व्यापारी प्रभावित होंगे. हमारी टीम की प्रमुख मांग है कि सरकार के 54 विभागों में चेंबर को प्रतिनिधित्व मिले. परिवहन, फूड सेफ्टी, वैट सरलीकरण, मोटर पार्ट्स व प्लाईवुड पर एक समान कर दरआदि कई मुद्दों पर काम करना होगा. सरकार की नीतियों के कारण व्यापार-उद्योग बरबाद हो रहे हैं. टाटा से जुड़ी इकाईयां बंदी के कगार पर है. व्यापारियों पर एक ही तरह के टैक्स प्रोफेशनल टैक्स व म्यूनिसिपल टैक्स लागू किये गये हैं. चेंबर द्वारा कैंप लगा कर पंजीयन कराया जा रहा है.
यह गलत है. दोनों में से कोई एक टैक्स पर जब तक निर्णय नहीं हो जाता है, पंजीयन नहीं कराना चाहिए. इसके साथ ही पूरे राज्य में जमीन की खरीद-बिक्री में गड़बड़ी को रोकने के लिए लैंड रिकार्ड को कंप्यूटरीकृत करना चाहिए. खासमहल की जमीन का सालों से रिनुअल नहीं हो रहा है. इससे इस पर रहनेवालों से अधिकार छिन जायेगा. खासमहल की जमीन के मुद्दे पर सरकार से बात कर हल निकलवायेंगे. पूरे देश में 14 घंटे की नो इंट्री झारखंड को छोड़ कर कहीं नहीं है. इसे भी ठीक कराना हमारी प्राथमिकताओं में है. सभी विजयी 21 प्रत्याशियों को पसंद की सब कमेटी देकर काम करायेंगे.