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सतबरबा मुठभेड़: मारे गये नक्सली ब्रजेशजी का भतीजा अखिलेश पहुंचा शव लेने, कहा चाचा का संबंध था नक्सलियों से

मेदिनीनगर: युगेश यादव का भाई अखिलेश यादव बुधवार को अपने भाई का शव लेने मेदिनीनगर पहुंचा. उसने बताया कि आरकेजी उर्फ ब्रजेशजी के साथ उसका बेटा संतोष कुमार यादव व भतीजा युगेश यादव भी मारा गया है. यह सही है कि उसके चाचा ब्रजेशजी माओवादी संगठन से जुड़े हुए थे. उसे जो जानकारी है, उसके […]

मेदिनीनगर: युगेश यादव का भाई अखिलेश यादव बुधवार को अपने भाई का शव लेने मेदिनीनगर पहुंचा. उसने बताया कि आरकेजी उर्फ ब्रजेशजी के साथ उसका बेटा संतोष कुमार यादव व भतीजा युगेश यादव भी मारा गया है. यह सही है कि उसके चाचा ब्रजेशजी माओवादी संगठन से जुड़े हुए थे. उसे जो जानकारी है, उसके मुताबिक आरके जी ने उसके भाई युगेश यादव और अपने पुत्र संतोष यादव को प्रतापपुर से मिलने के लिए सोमवार को बुलाया था. उसके बाद वे लोग आये थे. इसी बीच उनलोगों को जानकारी मिली कि मुठभेड़ में उनलोगों की मौत हो गयी है. बस इसके अलावा वह कुछ नहीं जानता. संतोष और युगेश आरके चाचा के साथ कहां जा रहे थे, इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है.
अनजान लोगों ने करायी थी गाड़ी की बुकिंग: पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये स्कॉरपियो के चालक मोहम्मद एजाज के परिजनों ने बताया कि दो अनजान लोगों ने मिल कर गाड़ी की बुकिंग करायी थी. बुकिंग करने वाले कौन थे, इसके बारे में गाड़ी मालिक छोटू को भी कुछ पता नहीं. छोटू ने फोन कर एजाज को बताया था कि गाड़ी को भाड़ा पर ले जाना है और वह गाड़ी लेकर निकला था. उस गाड़ी पर वहां से दो लोग सवार हुए थे. मोहम्मद एजाज के परिजनों ने बताया कि पूर्व में एजाज मध्यप्रदेश में काम करता था. इसलिए उसके पास मध्यप्रदेश के ग्वालियर में बना ड्राइविंग लाइसेंस था. सभी के साथ उसका व्यवहार अच्छा था. वह अपने काम से काम रखता था. उसके मारे जाने से परिजन काफी दुखी हैं.
50 दिन पहले निकला था सकेंद्र: मारे गये माओवादियों में सकेंद्र परहिया की भी उम्र कम बतायी जाती है. उसके मौसा सुरेंद्र परहिया का कहना है कि करीब 50 दिन पहले सकेंद्र अपने घर से निकला था. घरवालों को कहा था कि काम की तलाश में जा रहे हैं. एक व्यक्ति ने काम दिलाने का भरोसा दिलाया है. उसके बाद से उसका पता करने के लिए घर वाले काफी परेशान थे, लेकिन कोई पता नहीं चला. लोगों द्वारा सूचना मिलने के बाद वह जानकारी लेने आये, तब पता चला कि सकेंद्र भी मारा गया है.
डेढ़ माह पहले घर से निकला था महेंद्र
पुलिस- माओवादी मुठभेड़ में मारे गये 15 वर्षीय महेंद्र सिंह लातेहार के बरवाडीह थाना क्षेत्र के छिपादोहर के हरतुआ गांव का रहनेवाला था. उसके पिता कामेश्वर सिंह ने बताया कि डेढ़ माह पहले वह घर से निकला था. वह घर से यह कह कर निकला था कि वह कमाने बाहर जा रहा है. इसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं था. कामेश्वर सिंह का कहना है कि उसे लग रहा था कि कहीं नौकरी लग गयी होगी, बेटा लौटेगा ही. उसे क्या पता था कि वह माओवादी संगठन में शामिल हो गया है.
अनुराग के नेतृत्व में हेलीकॉप्टर जलाया गया था
वर्ष 2000 में बाराचट्टी थाना क्षेत्र के चोरदाहा गांव में जंगल में भाजपा नेता वेंकैया नायडू का हेलीकॉप्टर जलाया गया था़ अनुराग जी के नेतृत्व में घटना का अंजाम दिया गया था़ इस कार्य के लिए केंद्रीय कमेटी ने 2003-05 तक कौलेश्वरी जोन का जोनल कमांडर बना दिया़ इस क्षेत्र में लड़ाकू दस्ता को प्रशिक्षण देने का काम अनुराग जी द्वारा किया जाता था़ इन्हीं के नेतृत्व में 2004-05 में एमसीसी व पीपुल्स वार मिला कर नया संगठन भाकपा माओवादी बनाया गया है़ अनुराग जी के बेहतर कार्य व अच्छी रणनीति को देखते हुए केंद्रीय कमेटी ने पुन: वर्ष 2006 में मध्य जोन में संगठन को मजबूत करने के लिए जोनल कमांडर बनाया गया था़.

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