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गुमला में माओवादी दस्ते से भागे दो बच्चे

गुमला: भाकपा माओवादी के कमांडर नकुल यादव के दस्ते से दो बच्चे भाग कर अपने घर पहुंच गये हैं. बिशुनपुर प्रखंड के अंवरापाट के सोहन व मंदीप (बदला हुआ नाम) दोस्त हैं. घटना 10 दिन पहले की है. सोहन ने गुमला में सीडब्ल्यूसी के समक्ष अपना बयान दिया है. बिशुनपुर पुलिस उसे सोमवार को गुमला […]

गुमला: भाकपा माओवादी के कमांडर नकुल यादव के दस्ते से दो बच्चे भाग कर अपने घर पहुंच गये हैं. बिशुनपुर प्रखंड के अंवरापाट के सोहन व मंदीप (बदला हुआ नाम) दोस्त हैं. घटना 10 दिन पहले की है. सोहन ने गुमला में सीडब्ल्यूसी के समक्ष अपना बयान दिया है. बिशुनपुर पुलिस उसे सोमवार को गुमला ले आयी थी.
सोहन ने बताया कि नकुल यादव के दस्ते में कई बच्चे हैं. कुमाड़ी व जमटी के इलाके में बच्चों को ग्रुप में रखा गया है. हरेक ग्रुप में ग्यारह-ग्यारह बच्चे रहते हैं. हथियार चलाने व दस्ता में चलने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करनेवाले बच्चों को अलग रखा जाता है.
इसमें भी 11 सदस्य होते हैं. सोहन ने कहा कि उसे व उसके दोस्त मंदीप को नकुल अपने दस्ते के साथ रखता था. खाने के लिए मेस था, जहां सभी साथ खाना खाते थे. वे लोग घर आने नहीं दे रहे थे. एक दिन सुबह को वहां से दोनों दोस्त भाग कर अपने घर आ गये.
बच्चों को ले गये थे नक्सली: तीन माह पहले नकुल यादव 200 नक्सलियों के साथ अंवरापाट गांव आया था. जहां वह ग्रामीणों के साथ बैठक की थी. बैठक में ही नकुल ने सोहन व मंदीप को बुला कर अपने साथ ले गये. परिजन चाह कर भी विरोध नहीं कर सके सोहन ने बताया कि वह बनारस में रहता था. लेकिन उसी समय वह बनारस से गांव आया था. सोहन ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष अपने बयान में कहा है कि वह पढ़ना चाहता है. सोहन नक्सलियों के डर से अब अंवरापाट गांव में नहीं रहता है. वह अपने एक रिश्तेदार के यहां रहता है. एक अधिकारी के अनुसार सोहन को पुलिस ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया. लेकिन मंदीप का पता नहीं है. पुलिस उसे भी सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए खोज रही है. लेकिन वह नक्सलियों के दस्ते से भागने के बाद से कहीं छिप गया है. डर से वह पुलिस के पास भी नहीं जा रहा है.
सोहन के अपहरण का केस दर्ज है : बिशुनपुर थाना की पुलिस ने 25 अप्रैल को थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें प्रखंड के 22 बच्चों के अपहरण का जिक्र है. हालांकि पुलिस का बयान है कि पांच बच्चों को मुक्त करा लिया गया है. इधर, भाकपा माओवादी के झारखंड व बिहार रिजनल कमेटी द्वारा बिशुनपुर व घाघरा प्रखंड के विभिन्न इलाकों में पोस्टर साटा गया है. जिसमें माओवादियों ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को ले जाने की बात से इनकार किया है. पोस्टर में कहा गया है कि पुलिस व मीडिया बच्चों को ले जाने का अफवाह उड़ा रही है.

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