भूमि अधिग्रहण और पुर्नवास और पुनव्र्यवस्थापन कानून-2015 के तहत अब अधिग्रहीत की जानेवाली भूमि का सामाजिक अंकेक्षण से छूट पाने के लिए सरकार से अनुरोध भी किया जायेगा. इसके बाद ही लैंड एक्विजिशन एक्ट की धारा-11 के तहत सुनवाई और अन्य कार्रवाई पूरी की जायेगी. उल्लेखनीय है कि चिरिया माइंस के विस्तारीकरण का एक मामला झारखंड हाइकोर्ट में विचाराधीन है. न्यायालय का आदेश आने के बाद ही सरकार की ओर से सात मिलियन टन क्षमता प्रत्येक वर्ष के एक्सपैंशन प्लांट का काम शुरू कर लिया जायेगा.
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चिरिया माइंस के लिए होगा 405 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण
रांची: भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) की चिरिया माइंस के लिए चाईबासा के मनोहरपुर में 405 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा. मनोहरपुर प्रखंड के पांच गांवों से यह भूमि ली जायेगी. इसमें 112 हेक्टेयर सरकारी और 293 हेक्टेयर रैयती भूमि है. यह प्रक्रिया एक महीने में पूरी होगी. सेल प्रबंधन ने चिरिया माइंस के विकास […]
रांची: भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) की चिरिया माइंस के लिए चाईबासा के मनोहरपुर में 405 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा. मनोहरपुर प्रखंड के पांच गांवों से यह भूमि ली जायेगी. इसमें 112 हेक्टेयर सरकारी और 293 हेक्टेयर रैयती भूमि है. यह प्रक्रिया एक महीने में पूरी होगी.
सेल प्रबंधन ने चिरिया माइंस के विकास को लेकर उपरोक्त भूमि के अधिग्रहण का अनुरोध सरकार से किया था. जिसके बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से चाईबासा के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी गयी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच गांवों में से तीन गांवों की भूमि से संबंधित आंकड़े मिल गये हैं.
एक महीने में सरफेस लीज रिनीवल का मामला भी सुलङोगा
चिरिया माइंस के सरफेस लीज रिनीवल का मामला एक महीने में सुलझा लिया जायेगा. मुख्य सचिव राजीव गौबा ने भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों से चिरिया माइंस के छह खनन लीज के नवीकरण के बाबत भी रिपोर्ट मांगी थी. मुख्य सचिव को यह बताया गया है कि 433.22 एकड़ में फैले चिरिया माइंस का सरफेस लीज रीनिवल काफी पुराना मामला है. इसके लिए मंत्रिपरिषद की स्वीकृति जरूरी है.
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