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जेइ पद से ही रिटायर हो गये 134 अभियंता
रांची : राज्य गठन से लेकर अब तक 134 कनीय अभियंता रिटायर हो गये हैं. उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया, पर कभी प्रोन्नति नहीं मिली. यानी योगदान जिस पद पर दिया था, उसी पद से वे सेवानिवृत्त हो गये.इस तरह वे जीवन भर जेइ साहब ही कहलाते रह गये. सहायक अभियंता या कार्यपालक अभियंता […]
रांची : राज्य गठन से लेकर अब तक 134 कनीय अभियंता रिटायर हो गये हैं. उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया, पर कभी प्रोन्नति नहीं मिली. यानी योगदान जिस पद पर दिया था, उसी पद से वे सेवानिवृत्त हो गये.इस तरह वे जीवन भर जेइ साहब ही कहलाते रह गये. सहायक अभियंता या कार्यपालक अभियंता बनने का सपना उनका धरा का धरा रह गया. यह स्थिति सामान्य वर्ग के कनीय अभियंताओं के साथ हुई है.
राज्य विभाजन के बाद झारखंड कैडर मिलने की स्थिति में वे प्रमोशन के लिए लगातार लगे रहे, फिर भी प्रोन्नति नहीं मिली. उन्होंने अपनी बातें हर बार मुख्यमंत्री तक पहुंचायी है. कनीय अभियंताओं की यूनियन झारखंड डिप्लोमा अभियंता संघ ने भी कई बार प्रमोशन के लिए प्रयास किया.
संघ इस मुद्दे को लेकर लगातार संघर्ष भी कर रहा है. इधर, वर्ष 1980 -82 के बीच बहाल हुए कनीय अभियंता भी सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं. इनकी संख्या करीब 50 है, हालांकि इनमें से कुछ को सहायक अभियंता के पद पर प्रोन्नति मिल गयी है, पर बाकी कनीय अभियंता ही रह गये हैं.
क्या है प्रावधान
कनीय अभियंताओं को सहायक अभियंता/कार्यपालक अभियंता पद पर प्रमोशन देना है. अगर कनीय अभियंता डिप्लोमा के बाद डिग्री हासिल करते हैं, तो उन्हें तत्काल सहायक अभियंता के पद पर प्रोन्नति देनी है.
वहीं अगर राज्य में केंद्रीय सेवा शर्त के आधार पर प्रोन्नति दी जाती है, तो भी उन्हें सहायक अभियंता व कार्यपालक अभियंता के पद पर प्रोन्नति देने का प्रावधान है.
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