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कोयला तस्करी: डीएसपी ने भटका दी थी तस्करी की जांच की दिशा

रांची: निगरानी डीएसपी बीबी तिर्की ने राज्य में हुए कोयले की तस्करी की जांच की दिशा ही भटका दी थी. उन्हें कोयला तस्करी की जांच हजारीबाग से शुरू करनी थी, लेकिन इस दिशा में जांच ही शुरू नहीं हुई थी. डीएसपी सिर्फ कोयला क्षेत्र में पदस्थापित रहे करीब 160 पुलिस अफसरों को नोटिस भेज कर […]

रांची: निगरानी डीएसपी बीबी तिर्की ने राज्य में हुए कोयले की तस्करी की जांच की दिशा ही भटका दी थी. उन्हें कोयला तस्करी की जांच हजारीबाग से शुरू करनी थी, लेकिन इस दिशा में जांच ही शुरू नहीं हुई थी. डीएसपी सिर्फ कोयला क्षेत्र में पदस्थापित रहे करीब 160 पुलिस अफसरों को नोटिस भेज कर उनकी संपत्ति की जांच कर रहे थे, जबकि सरकार ने संपत्ति की जांच से संबंधित कोई आदेश ही नहीं दिया था. डीएसपी ने जब कोयला तस्करी मामले से संबंधित रिपोर्ट दिखायी, तब निगरानी आइजी मुरारी लाल मीणा ने देखा कि आज तक कोयला तस्करी की जांच शुरू ही नहीं हुई है.
जब आइजी ने डीएसपी से पूछा बेवजह जांच को क्यों फैलाया जा रहा है, मुङो कोयला तस्करी और उसमें शामिल पुलिस अफसरों के नाम के साथ रिपोर्ट चाहिए, लेकिन डीएसपी ने कोई जवाब नहीं दिया. आइजी ने डीएसपी से कहा हजारीबाग के टाटी झरिया में अवैध कोयला के साथ जो लोग पकड़े गये थे. मामले में उन लोगों का बयान लें. इस इस बिंदु पर पूछताछ करें कि वे किसके संरक्षण में अवैध कोयले का धंधा करते थे. जिन दो दारोगा को निलंबित किया गया था, उनका बयान लें. आइजी ने इस निर्देश के बाद मामले की फिर से जांच शुरू की है.
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर निगरानी राज्य में हुए कोयला तस्करी की जांच पिछले वर्ष नौ मई से कर रही है. कोयला तस्करी के संबंधित एक शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री को मिली थी. शिकायत में इस बात का उल्लेख था कि जनवरी-2013 में हजारीबाग के तत्कालीन आइजी मुरारी लाल मीणा ने हजारीबाग के टाटीझरिया में छापेमारी की थी. जहां से तीन कोयला कारोबारी पकड़े गये थे. वहीं नौ ट्रक कोयला और दो बोलेरो गाड़ी भी जब्त हुए थे. घटना के बाद कोयला कारोबारियों को संरक्षण देने के आरोप में विष्णुगढ़ और मुफस्सिल थानेदार को निलंबित किया गया था. शिकायत में दो आइपीएस अधिकारी और डीजीपी के पद से रिटायर्ड एक आइपीएस अधिकारी के अलावा उनके रीडर का भी नाम लिया गया था. रीडर पूर्व में निगरानी में ही पदस्थापित थे. जांच में कोई बाधा नहीं पहुंचे, इस वजह से उनका स्थानांतरण दूसरे में जिले में कर दिया गया.
मांडू के रामदास हार्ड कोक में हुई थी छापेमारी
जांच के क्रम में निगरानी ने शुरू में 19 जून, 2014 को मांडू स्थित श्री रामदास हार्ड कोक एवं मिनरल डिपो में छापा मारा. डीपी को छापेमारी के बाद सील कर दिया गया. वहीं संचालक के खिलाफ जांच पदाधिकारी डीएसपी बीबी तिर्की ने मांडू थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके बाद निगरानी ने कोयला तस्करी की दिशा में कोई जांच नहीं की. कोयला तस्करी की जांच छोड़ निगरानी पुलिस अफसरों की संपत्ति की जांच करने में जुट गयी थी. उल्लेखनीय है कि हजारीबाग में हुए कोयला तस्करी से जुड़े मामले में निगरानी आइजी एमएल मीणा को विशेष रूप से जानकारी नहीं है. इस वजह से वह मामले में दिलचस्पी लेकर जांच करवा रहे हैं. निगरानी आइजी यह भी चाहते हैं कि कोयला तस्करी में शामिल पुलिस अफसरों पर कार्रवाई हो.

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