वक्ताओं ने कहा कि फासीवाद, पूंजीवाद की रक्षा के लिए जनता को भ्रमित कर क्रांति विरोधी माहौल तैयार करने का जरिया है. इसमें किसी भी तरह के विरोध को क्रूरता पूर्वक दबा दिया जाता है. इससे खुद व समाज को बचाने के लिए जीवन के जरूरी सवालों को लेकर व्यापक आंदोलन करना होगा. लोगों में अंधविश्वास व बुरे संस्कार के खिलाफ एक तर्क व विज्ञान आधारित मानसिकता पैदा करना होगा. वक्ताओं ने कहा कि यह सच नहीं है कि द्वितीय विश्वयुद्ध में इटली व जर्मनी की पराजय के साथ ही फासीवाद का अंत हो गया. इन दो फासीवादी राष्ट्रों ने लाखों यहूदियों और वामपंथी विचारधारा वालों का बेरहमी से कत्ल किया था. बंदी शिविर में असंख्य लोगों को यातनाएं दी.
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फासीवाद के रास्ते चल रही है सरकार
रांची: द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान फासीवाद पर ऐतिहासिक जीत की 70 वीं वर्षगांठ पर एसयूसीआइ (कॉम्यूनिस्ट) द्वारा ‘फासीवाद का खतरा और उसका समाधान किस रास्ते’ विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. आयोजन पीएन बोस कंपाउंड स्थित विकास मैत्री सभागार में हुआ. इसमें एसयूसीआई (सी) के राज्य सचिव रबीन समाजपति, सीपीआई के राज्य सचिव केडी […]
रांची: द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान फासीवाद पर ऐतिहासिक जीत की 70 वीं वर्षगांठ पर एसयूसीआइ (कॉम्यूनिस्ट) द्वारा ‘फासीवाद का खतरा और उसका समाधान किस रास्ते’ विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. आयोजन पीएन बोस कंपाउंड स्थित विकास मैत्री सभागार में हुआ.
इसमें एसयूसीआई (सी) के राज्य सचिव रबीन समाजपति, सीपीआई के राज्य सचिव केडी सिंह, सीपीआई (एम) के जीके बख्शी, जनसंघर्ष वाहिनी के मंथनजी, सीपीआई (एमएल) के राजदेव राजू और एसयूसीआई (सी) के सुमित राय ने कहा कि आज देश की सरकार जिस रास्ते चल रही है, उसमें फासीवाद की आहट है.
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