इसे निरस्त करने और सात मई को होनेवाली नीलामी की प्रक्रिया पर रोक लगाने का आग्रह किया. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने प्रार्थी की दलील का विरोध करते हुए कहा कि पंचायत व नगरपालिका द्वारा शब्द को पंचायत व नगरपालिका के लिए पढ़ा जाये.
17 मार्च 2015 को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि पंचायत व नगरपालिका लाभुक हैं. उनके लिए उपायुक्त के स्तर पर बालू घाटों की नीलामी और बंदोबस्ती की जायेगी. गौरतलब है कि प्रार्थी महावीर इंफ्रा इंजीनियरिंग प्रालि ने याचिका दायर कर झारखंड लघु खनिज पदार्थ समुदान नियमावली (संशोधित) -2014 के रूल-12 (1) तथा 12(2) को चुनौती दी थी. सरकार ने इस रूल के माध्यम से बालू घाटों की नीलामी का अधिकार नगरपालिका व पंचायतों को दिया था.