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हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की
कहा : स्कूल चलें, चलायें अभियान में झालसा करेगा सहयोग सरकार ने कोर्ट को बताया, एक साल में हो जायेगी शिक्षकों की नियुक्ति मामला विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति व बच्चों को नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराने का रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीइ) के तहत छात्र-शिक्षक अनुपात में […]
कहा : स्कूल चलें, चलायें अभियान में झालसा करेगा सहयोग
सरकार ने कोर्ट को बताया, एक साल में हो जायेगी शिक्षकों की नियुक्ति
मामला विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति व बच्चों को नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराने का
रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीइ) के तहत छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति व समय पर बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराने को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की. मौखिक रूप से कहा कि खाना, खाना जितना जरूरी है, उससे अधिक जरूरी पढ़ना है.
इसका ख्याल सभी को होना चाहिए. खंडपीठ ने राज्य सरकार के स्कूल चलें, चलायें अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी (झालसा) भी सहयोग करेगा. इस कार्य में पारा लीगल वोलेंटियरों (पीएलवी) का सक्रिय सहयोग लिया जाये. पीएलवी को 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जाता है. झालसा का पैसा भी स्टेट का ही है.
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जुलाई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार ने शपथ पत्र दायर कर खंडपीठ को बताया कि चालू शैक्षणिक सत्र में अध्ययनरत बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जारी है. वापस ली गयी पुरानी पाठय़ पुस्तकें बच्चों को उपलब्ध करायी गयी है. साथ ही बुक बैंक से भी पुस्तकें दी गयी है. एक माह के अंदर सभी बच्चों को पुस्तक उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.
एक साल के अंदर मिडिल, माध्यमिक व प्लस-टू विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है. प्रथम चरण में लगभग 30 प्रतिशत नवनियुक्त शिक्षकों ने योगदान दिया है. नियुक्ति की प्रक्रिया द्वितीय स्टेज तक पहुंच गयी है. उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. शारीरिक प्रशिक्षित शिक्षकों की भी नियुक्ति की जायेगी.
मिडिल स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियमावली बनायी जा रही है. इसमें 50 प्रतिशत पद (पांच प्रतिशत विधवा व तलाकशुदा महिलाओं के लिए) महिलाओं के लिए आरक्षित किया जायेगा. विभिन्न कैटेगरी के हाइस्कूलों के लिए एक समान नियुक्ति नियमावली तैयार की जा रही है. प्लस-टू हाइस्कूल में भी शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. गौरतलब है कि प्रार्थी एसके तिवारी, भीम प्रभाकर ने जनहित याचिका दायर की है.
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