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बिल्डर ने फरजी रसीद के जरिये ली जमानत
रांची : धोखाधड़ी के एक मामले में बिल्डर फूलचंद साव और अजरुन साव ने फरजी भुगतान रसीद तैयार कर न्यायालय से जमानत ली थी. इसका खुलासा सदर डीएसपी सत्यवीर सिंह ने जांच रिपोर्ट में की है. रिपोर्ट के अनुसार कोकर तिरिल निवासी लखन महतो ने वर्ष 2008 में ढेलाटोली में 20 कट्ठा 10 छंटाक जमीन […]
रांची : धोखाधड़ी के एक मामले में बिल्डर फूलचंद साव और अजरुन साव ने फरजी भुगतान रसीद तैयार कर न्यायालय से जमानत ली थी. इसका खुलासा सदर डीएसपी सत्यवीर सिंह ने जांच रिपोर्ट में की है.
रिपोर्ट के अनुसार कोकर तिरिल निवासी लखन महतो ने वर्ष 2008 में ढेलाटोली में 20 कट्ठा 10 छंटाक जमीन बिल्डर को अपार्टमेंट के लिए दिया था. दोनों के बीच एग्रीमेंट भी हुआ था, लेकिन बिल्डर ने शर्तो का पालन नहीं किया. तब लखन महतो ने उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया और सदर थाने में प्राथमिकी (कांड संख्या 119/12) दर्ज करायी थी.
इस मामले में कोर्ट ने बिल्डर के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. दोनों को जमानत नहीं मिली, तब बिल्डर ने लखन महतो के नाम पर 16 लाख रुपये के भुगतान की जाली रसीद तैयार कराने के बाद उसके आधार पर कोर्ट से जमानत ले ली.
इस बात की जानकारी जब लखन महतो को मिली, तब उन्होंने न्यायालय में शिकायतवाद दर्ज करायी. न्यायालय के निर्देश पर इस मामले में एक अप्रैल, 2014 को सदर थाने में (कांड संख्या 140/2015) दर्ज किया गया. इसकी आरंभिक जांच डीएसपी ने पूरी कर ली है. जांच पूरी करने के बाद डीएसपी ने दोनों की गिरफ्तारी का निर्देश केस के अनुसंधानक पुलिस पदाधिकारी को दिया है.
इन बिंदुओं पर होगी जांच
– बिल्डर ने 16 लाख रुपये भुगतान किये जाने संबंधित जो जाली रसीद तैयार किया है, उस रसीद में लखन महतो के हस्ताक्षर का मिलान करें.
– न्यायालय से दस्तावेज प्राप्त कर इसे केस डायरी में अंकित करें. साथ ही आरोपी बिल्डर के पते का सत्यापन करें, क्योंकि उनके पते के संबंध में अब तक कोई जानकारी नहीं है.
बिल्डर दर्ज कर चुका है झूठा केस
सदर डीएसपी की रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि पूर्व में लखन महतो और उसके परिजनों पर दबाव डालने के लिए बिल्डर सदर थाने में झूठा केस दर्ज करवा चुके हैं. पुलिस ने अनुसंधान में भी बिल्डर द्वारा लखन महतो उसके परिजनों पर केस दर्ज कराने को गलत पाया था. झूठा केस दर्ज कराने को लेकर पूर्व में बिल्डर पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया जा चुका है.
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