ऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ ने खोला मोरचावरीय संवाददाता, रांचीऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ के राष्ट्रीय महासचिव अयूब अली खान और सचिव इफ्तेखार महमूद ने हासिमपुरा हत्याकांड की फिर से अनुसंधान कराने का आग्रह किया है. साथ ही पीडि़त परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने और सिख दंगे के पीडि़तों के समान पेंशन देने की भी मांग की है. सीपीआइ कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए नेताद्वय ने कहा कि अल्पसंख्यकों व दलितों के मामले में भेदभाव बरता जा रहा है. हासिमपुरा हत्याकांड में एक समुदाय के 42 नवजवानों को हिरासत में लेकर हत्या कर दी गयी थी. 28 साल बाद 21 मार्च को इस मामले में अदालत का फैसला आया. अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया है. इसी प्रकार शंकर बिगहा हत्याकांड के भी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है. इसमें उत्तरप्रदेश व बिहार सरकार की लापरवाही झलकती है. एक तरफ सरकार रणवीर सेना के प्रमुख परमेश्वर मुखिया की हत्या की जांच सीबीआइ से कराती है. वहीं दूसरी तरफ अल्पसंख्यकों के मामले में गंभीरता नहीं दिखायी जाती है. इन्होंने कहा कि इसको लेकर संस्था की ओर से पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है. नुक्कड़ नाटक कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
हासिमपुरा हत्याकांड के परिजनों को मिले मुआवजा : अयूब
ऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ ने खोला मोरचावरीय संवाददाता, रांचीऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ के राष्ट्रीय महासचिव अयूब अली खान और सचिव इफ्तेखार महमूद ने हासिमपुरा हत्याकांड की फिर से अनुसंधान कराने का आग्रह किया है. साथ ही पीडि़त परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने और सिख दंगे के पीडि़तों के समान पेंशन देने की भी मांग […]
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