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100 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं के टेंडर लटके हैं
चार से छह माह हो गये हैं टेंडर निकले रांची : ग्रामीण सड़कों व पुलों की योजना का टेंडर पिछले चार-छह माह से फंसा हुआ है. करीब 100 करोड़ रुपये के टेंडर का निष्पादन लटका हुआ है. ज्यादातर बड़ी योजनाओं का टेंडर नहीं हुआ है. टेंडर निष्पादन नहीं करने का कोई स्पष्ट कारण भी विभाग […]
चार से छह माह हो गये हैं टेंडर निकले
रांची : ग्रामीण सड़कों व पुलों की योजना का टेंडर पिछले चार-छह माह से फंसा हुआ है. करीब 100 करोड़ रुपये के टेंडर का निष्पादन लटका हुआ है. ज्यादातर बड़ी योजनाओं का टेंडर नहीं हुआ है.
टेंडर निष्पादन नहीं करने का कोई स्पष्ट कारण भी विभाग की ओर से नहीं बताया जा रहा है. विभागीय इंजीनियरों के मुताबिक, अगर टेंडर का निष्पादन जल्द नहीं किया गया, तो इसे रद्द करना पड़ेगा और नये सिरे से फिर टेंडर करना होगा.
जानकारी के मुताबिक, टेंडर का निष्पादन हर हाल में 180 दिनों यानी छह माह के अंदर कर देना है. इस अवधि में निष्पादन नहीं होने पर इसे रद्द करना पड़ेगा. ऐसे में सरकार के साथ ही ठेकेदारों को भी नुकसान होगा. कई ऐसी भी योजनाएं हैं, जिसकी वैद्यता अवधि छह महीने होने को है.
बढ़ गया है रेट भी: वित्तीय वर्ष 2014-15 में जिन योजनाओं का टेंडर निकला है, उसका रेट अभी बढ़ गया है. यानी लागत में बढ़ोतरी हो गयी है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में नया शिडय़ूल आ जाने की वजह से लागत में बढ़ोतरी हो गयी है. ऐसे में पुराने दर पर काम लेनेवालों को भी बढ़ी हुई दर पर काम करना होगा.
क्या हुआ है इसका नुकसान: अगर समय से टेंडर का निष्पादन हो जाता, तो सड़कों का काम भी पिछले वित्तीय वर्ष में ही शुरू हो जाता. ऐसे में अब तक काफी काम आगे बढ़ जाता. वहीं इतने लंबे समय तक ठेकेदारों का पैसा भी (अर्नेस्ट मनी) विभाग के पास नहीं फंसता और न ही योजनाओं की लागत बढ़ती.
विभाग ने बनायी नयी टेंडर कमेटी
रांची : ग्रामीण सड़कों व पुलों की योजनाओं का अब टेंडर निष्पादन हो सकेगा. इसके लिए विभाग ने नयी टेंडर कमेटी बना दी है. कमेटी अब योजनाओं की निविदा का निष्पादन कर सकेगी. पहले भी टेंडर कमेटी थी, लेकिन नये सचिव के आने के बाद नये सिरे से टेंडर कमेटी बनायी गयी है.
पहले टेंडर कमेटी में दूसरे सदस्य भी थे, लेकिन अब सारे विभागीय अभियंता व अधिकारी को रखा गया है. विभागीय मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा की स्वीकृति के बाद कमेटी बनी है. नयी कमेटी के अध्यक्ष अभियंता प्रमुख बनाये गये हैं. कमेटी को 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की योजना के टेंडर निष्पादन का अधिकार होगा.
कमेटी में ये हैं शामिल
अध्यक्ष: अभियंता प्रमुख (ग्राकावि)
सदस्य : अपर सचिव (ग्राकावि)
सदस्य : मुख्य अभियंता, विशेष प्रमंडल
सदस्य: उप सचिव, ग्राकावि
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