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ग्रामीण सड़क निर्माण की योजना

मनोज लाल रांची : ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण की योजनाएं विधायकों व मंत्रियों को उनकी हैसियत के हिसाब से मिलती हैं. प्रभावी विधायकों को सड़क की योजनाएं अधिक मिलती हैं. पिछले वित्तीय वर्ष (2014-15) में सड़क निर्माण के लिए स्वीकृत हुई योजनाओं से यह स्पष्ट होता है. जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण कार्य विभाग ने […]

मनोज लाल
रांची : ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण की योजनाएं विधायकों व मंत्रियों को उनकी हैसियत के हिसाब से मिलती हैं. प्रभावी विधायकों को सड़क की योजनाएं अधिक मिलती हैं. पिछले वित्तीय वर्ष (2014-15) में सड़क निर्माण के लिए स्वीकृत हुई योजनाओं से यह स्पष्ट होता है.
जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण कार्य विभाग ने राज्य संपोषित योजना के तहत हर विधायक के क्षेत्र में कम से कम 15 किमी सड़क बनाने की योजना देने का फैसला लिया था. इसके तहत जन प्रतिनिधियों की अनुशंसा पर उनके क्षेत्रों में योजनाएं दी गयी.
लोबिन हेंब्रम के क्षेत्र को सर्वाधिक स्वीकृति
इसमें सर्वाधिक योजनाएं तत्कालीन ग्रामीण कार्य मंत्री लोबिन हेंब्रम के इलाके के लिए स्वीकृत की गयी. उनके इलाके के लिए 50 किमी सड़क की योजना दी गयी. इसी तरह तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के क्षेत्र में 48 किमी सड़क निर्माण की योजना दी गयी.
दोनों को 11-11 सड़कें मिली. लोबिन हेंब्रम उस समय खुद विभाग के मंत्री थे, इसलिए उन्हें सबसे ज्यादा योजनाएं मिली.
झामुमो के विधायक सीता सोरेन को 31 किमी, दीपक बिरुवा को 26 किमी, संजय प्रसाद यादव को 39 किमी और साइमन मरांडी को 29.9 किमी सड़क निर्माण की योजना मिली. आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो के क्षेत्र को 31.38 किमी सड़क निर्माण की योजना दी गयी. साइमन मरांडी भी हेमंत सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री रहे हैं. उनके हटने के बाद यह विभाग लोबिन हेंब्रम को मिला था. हालांकि कई विधायक ऐसे भी हैं, जिन्हें एक किमी सड़क भी नहीं मिली.

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