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बोर्ड ने बेनामी अंशदान की जांच शुरू की
रांची : राज्य आवास बोर्ड ने फ्लैट संख्या एम-39 की खरीद बिक्री के दौरान जमा कराये गये नकद 14.10 लाख रुपये के अंशदान की जांच शुरू कर दी है. बोर्ड ने इस मामले में विक्रेता को नोटिस भेज कर बगैर नाम के पैसा जमा कराने सहित अन्य बिंदुओं की जानकारी मांगी है. फ्लैट की खरीद […]
रांची : राज्य आवास बोर्ड ने फ्लैट संख्या एम-39 की खरीद बिक्री के दौरान जमा कराये गये नकद 14.10 लाख रुपये के अंशदान की जांच शुरू कर दी है. बोर्ड ने इस मामले में विक्रेता को नोटिस भेज कर बगैर नाम के पैसा जमा कराने सहित अन्य बिंदुओं की जानकारी मांगी है.
फ्लैट की खरीद आदित्य स्वरूप के पुत्र अनुज रंजन ने की थी. बोर्ड की ओर से इलाहाबाद बैंक को भेजे गये नोटिस में यह बताने को कहा गया है कि किन कारणों से बैंक ने बगैर किसी पहचान के इतनी बड़ी नकद राशि जमा ली. 14.40 लाख रुपये की राशि 1000 रुपये के नोटों के सहारे 17 अप्रैल 2013 को बैंक में जमा करायी गयी थी.
जमा परची पर पैसा जमा करानेवाले व्यक्ति ने न तो अपना नाम लिखा है और न ही आयकर द्वारा जारी पैन का उल्लेख किया है, जबकि इतनी बड़ी राशि नकद जमा कराने के लिए जमा करनेवाले का ब्योरा आवश्यक है. बोर्ड ने बैंक से यह भी जानना चाहा है कि उसने इस मामले की जानकारी आयकर विभाग को दी या नहीं. यदि नहीं दी, तो इसके क्या कारण थे.
बोर्ड ने जमीन की बिक्री करनेवाले सेवानिवृत्त विंग कमांडर राजेश कुमार सिन्हा सहित अन्य को भेजे गये नोटिस में कहा है कि नियमत: लाभांश की राशि जमा करने की जिम्मेवारी विक्रेता की है. इसलिए वे यह बतायें कि किन कारणों से विक्रेताओं ने लाभांश की राशि नकद के जमा करायी. क्या विक्रेताओं ने इस जमा राशि से संबंधित ब्योरा अपने आयकर रिटर्न में दिया है? अगर विक्रेताओं ने यह राशि नहीं जमा करायी, तो क्या उन्हें इस बात की जानकारी है कि लाभांश की राशि किसने जमा करायी.
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