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बस पलटी, नौ यात्री हुए घायल

पुंदाग ओपी के समीप जमशेदपुर जाने के क्रम में हुआ हादसा गंभीर रूप से घायल गुमला के पांच लोगों का अस्पताल में चल रहा है इलाज रांची : पुंदाग ओपी क्षेत्र के गोविंद राम कटारूका स्कूल के समीप शनिवार की सुबह यात्री बस किरण (जेएच01ए क्यू- 9015) के पलट जाने से बस में सवार नौ […]

पुंदाग ओपी के समीप जमशेदपुर जाने के क्रम में हुआ हादसा
गंभीर रूप से घायल गुमला के पांच लोगों का अस्पताल में चल रहा है इलाज
रांची : पुंदाग ओपी क्षेत्र के गोविंद राम कटारूका स्कूल के समीप शनिवार की सुबह यात्री बस किरण (जेएच01ए क्यू- 9015) के पलट जाने से बस में सवार नौ लोग घायल हो गये. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची. इसके बाद घायलों को इलाज के लिए रिंची अस्पताल भेजा गया.
प्रारंभिक उपचार कराने के बाद घायल चार लोग घर चले गये. जबकि गंभीर रूप से घायल ज्योति प्रतिभा किंडो, शिव चरण, शालू खड़िया, सतीश बड़ाइक और मुनेश्वर साहू का इलाज रिंची अस्पताल में ही चल रहा है. पुलिस के अनुसार सभी गुमला के रहनेवाले हैं. बस में सवार अधिकांश लोग भी गुमला के रहनेवाले है.
इधर, पुलिस ने घटना स्थल से बस को जब्त कर लिया है. पुदांग ओपी प्रभारी पीके दास के अनुसार बस इटकी से जमशेदपुर जा रही थी. बस जैसे ही स्कूल के निकट पहुंची. बस चालक ने नियंत्रण खो दिया. इससे बस पलट गयी. स्थानीय लोगों के प्रयास से घायलों को बस से बाहर निकला गया और सभी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.
अवैध ढंग से चलायी जा रही हैं स्लीपर कोच बसें
राणा प्रताप
रांची : झारखंड में लग्जरी स्लीपर कोच बसों का परिचालन अवैध ढंग से हो रहा है. इन बसों के परिचालन से राज्य को राजस्व भी नहीं मिल पा रहा है. स्लीपर बसों के परिचालन के लिए झारखंड में कोई नियम और प्रावधान नहीं है, जबकि अन्य राज्यों में नियम बने हुए हैं. यहां तक कि बिहार ने भी स्लीपर कोच बसों के परिचालन के लिए नियमावली बना ली है, लेकिन झारखंड में इस पर अब तक कोई विचार ही नहीं किया गया है. दूसरे राज्यों से झारखंड व झारखंड से दूसरे राज्यों के लिए प्रतिदिन लगभग 100-150 बसों का परिचालन हो रहा है.
क्या है स्लीपर कोच
सामान्य बसों में स्लीपर की व्यवस्था की जाती है. बस की सीटिंग कैपासिटी के अलावा छत के सहारे बॉक्स (सीट के ऊपर) बनायी जाती है. बॉक्स में दो व्यक्तियों के लिए जगह होती है. एक बस में स्लीपर के रूप में अधिकतम 20 सीट तक बनायी जाती है. इसका भाड़ा नीचे के सीट से अधिक रखा जाता है. इस एक्सट्रा सीट से बस मालिक को फायदा होता है, लेकिन सरकार को नुकसान हो रहा है. बस की फिक्स सीटिंग कैपासिटी के अनुसार बस मालिक सरकार को टैक्स देते हैं. एक्सट्रा सीट का टैक्स नहीं दिया जाता है. टैक्स लेने का प्रावधान भी नहीं है.
स्लीपर कोच के परिचालन के लिए नियम बने. इसे वैध तरीके से चलाया जाये. इसके अलावा सरकार 35 सीटों वाली बस (टू बाइ टू) से 52 सीटों का टैक्स नहीं वसूल रही है. टाटा कंपनी की अल्ट्रा बस 40 सीटों की बनती है, उससे 49 सीटों का टैक्स लिया जाता है. सरकार की यह पॉलिसी गलत है. झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि जितनी सीटें हैं, उतने का ही टैक्स वसूलें.
सच्चिदानंद सिंह, अध्यक्ष झारखंड प्रदेश बस ऑनर्स एसोसिएशन
स्लीपर कोच के राज्य में परिचालन के लिए परिवहन विभाग नियमावली तैयार कर रहा है. बस ऑनर्स एसोसिएशन ने भी स्लीपर कोच बसों के परिचालन को वैध बनाने की मांग रखी है.
राजेश कुमार बरवार, सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार (आरटीए) रांची

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