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कंपनियां बना रहीं स्कूलों में 8,882 शौचालय
निर्माण के साथ पांच वर्ष तक करना होगा रखरखाव स्कूलों में शौचालय उपलब्धता में झारखंड देश के शीर्ष पांच में सुनील कुमार झा रांची : राज्य सरकार ने 22,220 स्कूलों में शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा है. इनमें से 8,373 स्कूलों में शौचालय बन कर तैयार है. 1845 विद्यालयों में शौचालय निर्माण का कार्य चल […]
निर्माण के साथ पांच वर्ष तक करना होगा रखरखाव
स्कूलों में शौचालय उपलब्धता में झारखंड देश के शीर्ष पांच में
सुनील कुमार झा
रांची : राज्य सरकार ने 22,220 स्कूलों में शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा है. इनमें से 8,373 स्कूलों में शौचालय बन कर तैयार है. 1845 विद्यालयों में शौचालय निर्माण का कार्य चल रहा है. जबकि 8,882 विद्यालयों में विभिन्न कंपनियां सीएसआर के तहत स्कूलों में शौचालय का निर्माण कर रही हैं. कंपनियों द्वारा ही इसका रखरखाव भी किया जायेगा. इस वर्ष जून तक इसे पूरा कर लिया जायेगा. सीसीएल, बीसीसीएल, इसीएल, सेल, एनटीपीसी, एयरपोर्ट अॅथारिटी समेत अन्य कंपनियों द्वारा इसे बनाया जा रहा है.
कंपनियों को पांच वर्ष तक इसका रखरखाव भी करना होगा. सरकार ने राज्य के शत-प्रतिशत विद्यालयों में शौचालय व पेयजल की व्यवस्था करने का लक्ष्य रखा है. शौचालय निर्माण में बालिका विद्यालयों को प्राथमिकता दी जा रही है. शौचालय की उपलब्धता के मामले में झारखंड की स्थिति काफी बेहतर है. झारखंड देश के पांच अग्रणी राज्यों में शामिल हैं, जहां सबसे अधिक विद्यालयों में शौचालय की सुविधा है.
स्कूलों को नहीं दी जाती राशि
उच्च विद्यालयों को शौचालय निर्माण के लिए राशि नहीं दी जाती है. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों को क्रमश: 65 हजार व 75 हजार रुपये दिये गये हैं. राशि में 25 हजार रुपये लघु निर्माण, दस हजार रुपये प्रयोगशाला, दस हजार रुपये किताब, पांच हजार रुपये पेयजल के लिए दिये गये.
सीसीएल बना रहा 2876 शौचालय
सीएसआर के तहत राज्य में दर्जन भर कंपनियां 8,882 शौचालय बना रही है. इनमें सबसे अधिक 3,086 शौचालय बीसीसीएल बना रहा है. जबकि सीसीएल 2876, इसीएल 927, एनटीपीसी नॉर्थ कर्णपूरा 927, एनटीपीसी कहलगांव 601, माइनिंग ग्रुप 441, सेल 261, ओएनजीसी 111, एयरपोर्ट अॅथारिटी 15, मेकॉन 10, आइडीबीआइ 04, महेंद्र ग्रुप 12 व एचसीएल 07 विद्यालयों में शौचालय का निर्माण कर रहा है.
22 उच्च विद्यालयों में शौचालय नहीं
रांची जिले में कुल 73 राजकीय, राजकीयकृत व प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय हैं. इनमें से 22 उच्च विद्यालयों में छात्राओं के लिए शौचालय नहीं है, वहीं 19 स्कूलों में छात्रों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है. दर्जन भर ऐसे स्कूल हैं, जिसमें शौचालय है ही नहीं. बालिका उच्च विद्यालय में भी छात्राओं के लिए शौचालय नहीं है.
स्कूलों में शौचालय निर्माण का कार्य तेजी से हो रहा है. राज्य के 22,220 विद्यालयों में शौचालय निर्माण का लक्ष्य है. इनमें से 8,373 विद्यालयों में शौचालय बनकर तैयार है. 8 हजार से अधिक विद्यालयों में कंपनियों द्वारा सीएसआर के तहत शौचालय बनाये जा रहे हैं. जून तक ये बनकर तैयार हो जायेंगे.दो हजार और विद्यालयों में निर्माण कार्य चल रहा है. कोई विद्यालय शौचालय विहीन नहीं रहेगा. आराधना पटनायक, शिक्षा सचिव
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