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दो जनवरी से ठप है एनटीपीसी का काम

एनटीपीसी : विधायक समर्थकों का धरना-प्रदर्शन पकरी बरवाडीह कोल माइंस को लेकर किये जा रहे निर्माण कार्य रांची/हजारीबाग : एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह कोल माइंस से संबंधित सारे निर्माण कार्य दो जनवरी से ठप हैं. आरएंडआर कॉलोनी का निर्माण रुका हुआ है. इसके अलावा बरवाडीह और पगार गांव में स्थित 33 केवी के दो पावर […]

एनटीपीसी : विधायक समर्थकों का धरना-प्रदर्शन
पकरी बरवाडीह कोल माइंस को लेकर किये जा रहे निर्माण कार्य
रांची/हजारीबाग : एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह कोल माइंस से संबंधित सारे निर्माण कार्य दो जनवरी से ठप हैं. आरएंडआर कॉलोनी का निर्माण रुका हुआ है. इसके अलावा बरवाडीह और पगार गांव में स्थित 33 केवी के दो पावर सब स्टेशन का काम भी रुका हुआ है. एनटीपीसी ने पकरी बरवाडीह कोल ब्लॉक से 31 मार्च से उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
पर निर्धारित तिथि पर उत्पादन आरंभ होने में संशय है. बताया जाता है कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व विधायक निर्मला देवी के नेतृत्व में उनके समर्थकों ने धरना-प्रदर्शन कर दो जनवरी से सारे निर्माण कार्य ठप कराये हैं. एनटीपीसी बिजली उत्पादन की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी है. कंपनी का कहना है कि यहां सरकारी प्रक्रिया और नियम के तहत ही बातें होती हैं.
बनाने हैं 2700 क्वार्टर : बड़कागांव के ढेंगा गांव में एनटीपीसी विस्थापितों के लिए आरएंडआर कॉलोनी का निर्माण कार्य करा रहा है. यहां विस्थापितों के लिए 2700 क्वार्टर बनाने हैं. साथ ही एक मार्केट का निर्माण भी प्रस्तावित है. अभी करीब 150 क्वार्टर का निर्माण कार्य चल रहा था. इसी दौरान योगेंद्र साव के समर्थक और भू-रैयतों ने कॉलोनी का निर्माण कार्य बंद करवा दिया. रैयत मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. पूर्व मंत्री के समर्थक दो जनवरी से निर्माणाधीन कॉलोनी में धरने पर बैठे हैं. वहां से ठेकेदारों को भगा दिया.
उनके आने पर भी रोक लगा दी है. रैयत कोल माइंस के लिए जमीन देने का विरोध कर रहे हैं.सब स्टेशन की सिर्फ चहारदीवारी बनी : पूर्व मंत्री के समर्थकों ने एनटीपीसी के बरवाडीह व पगार गांव में 33 केवी के दो पावर सब स्टेशन के निर्माण कार्य को भी बंद करवा दिया गया है. इन सब स्टेशन से एनटीपीसी ने अपने तीनों कोल ब्लॉक पकरी बरवाडीह, चट्टी बरियातू व केरेडारी के लिए बिजली की आपूर्ति की योजना बनायी है. इसके अलावा आवासीय कॉलोनी से लेकर आसपास के तमाम गांवों में भी बिजली की आपूर्ति होनी है. अब तक सब स्टेशन की सिर्फ चहारदीवारी का निर्माण ही हो सका है.
क्या-क्या काम रुका
आरएंडआर कॉलोनी का निर्माण
बरवाडीह में 33 केवी पावर सब स्टेशन
पगार गांव में भी 33 केवी पावर सब स्टेशन
तय समय पर नहीं हो सकेगा उत्पादन
एनटीपीसी ने पकरी बरवाडीह कोल माइंस से 31 मार्च से उत्पादन का लक्ष्य रखा है. पर ऐसा लगता है कि यह अब संभव नहीं है.
क्या कहता है एनटीपीसी
बिना मांग पत्र बंद कराया गया काम
एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि जो लोग भी विरोध कर रहे हैं, उन्होंने अब तक मांग पत्र भी नहीं सौंपा है. आखिर उनसे बातचीत की जाये, तो किस आधार पर. एनटीपीसी सरकारी कंपनी है. यहां सरकारी प्रक्रिया और नियम कानूनों के तहत ही बातें होती हैं.
15 लाख रुपये प्रति एकड़ रैयतों को मिला है
एनटीपीसी की ओर से बताया गया कि जिनकी भी जमीन ली जा रही है, उन्हें 15 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर भुगतान किया जा रहा है. करीब तीन हजार एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. इसके अलावा विस्थापितों को प्रति यूनिट (पति-पत्नी और अविवाहित बच्चें) एक क्वार्टर दिये जा रहे हैं.
कोल माइंस चालू होने पर तीन हजार लोगों को रोजगार
एनटीपीसी का दावा है कि पकरी बरवाडीह कोल माइंस चालू होने पर तीन हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेंगे. स्थानीय लोगों को अभी भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 35 सहकारी समितियां बनायी गयी हैं. सड़क, नाली, भवन निर्माण आदि का ठेका इन्हीं सहकारी समितियों को दिया जा रहा है. इसके अलावा विस्थापितों की 50 गाड़ियां भी भाड़े पर ली गयी हैं, ताकि उनकी आय में इजाफा हो.
क्या कहते हैं विरोध करनेवाले
उचित मुआवजा नहीं दे रहा एनटीपीसी
बड़कागांव की विधायक और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की पत्नी निर्मला देवी का कहना है : भू-रैयत एनटीपीसी को जमीन नहीं देना चाहते हैं. एनटीपीसी कोयला खदान खोल कर पर्यावरण को नष्ट कर देगी. एनटीपीसी जमीन के बदले उचित मुआवजा व नौकरी नहीं देना चाहती है. मैं क्षेत्रीय जनता के साथ हूं.
वर्ष 2010 में योगेंद्र साव ने की थी तोड़फोड़
एनटीपीसी के काम को रोकने के दौरान 17 अगस्त 2010 को पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ केरेडारी थाने में प्राथमिकी (55/2010) भी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी कोल माइनिंग प्रोजेक्ट के राधवेंद्र कुमार सिंह ने दर्ज करायी थी. इसमें योगेंद्र साव के अलावा लीलाधर साव और 13 अज्ञात लोगों को भादवि की धारा 147, 149, 323, 31, 353, 427, 504 व 506 के तहत आरोपित किया गया था. योगेंद्र साव पर आरोप था कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिल कर एनटीपीसी के कार्यालय के आवास उदघाटन कार्यक्रम में बाधा डाला. प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में मारपीट कर शिलापट्ट को तोड़ दिया. योगेंद्र साव उस वक्त विधायक थे. अनुसंधान के बाद पुलिस ने 30 अप्रैल 2011 को विधायक के खिलाफ अदालत में चाजर्शीट दाखिल की थी. बाद में श्री साव मंत्री बने, तब सरकार ने जिन दो मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी, उनमें यह मामला भी था.

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