फोटो है रनिया. सीएफटी कार्यक्रम के तहत ग्रामोदय विकास विद्यालय सिंदुआर टोला द्वारा मनरेगा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. मौके पर बीडीओ शेखर कुमार ने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं है, बल्कि विकास का पर्याय है. केंद्र सरकार मनरेगा कानून के तहत कार्यरत मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करती है. साथ ही सामग्री व्यय की 75 प्रतिशत राशि देती है. राज्य सरकारों को सामग्री व्यय की शेष रकम और बेरोजगारी भत्ता का भुगतान करना होता है. मनरेगा की कम-से-कम 60 प्रतिशत राशि मजदूरी पर खर्च करनी होती है. वहीं शेष 40 प्रतिशत राशि सामग्री पर खर्च करने का प्रावधान है. कार्यशाला में प्रखंड प्रमुख विराजमूनी सुरीन, मुखिया, वार्ड सदस्य, रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान आदि मौजूद थे.
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मनरेगा विकास का पर्याय : बीडीओ…..ओके
फोटो है रनिया. सीएफटी कार्यक्रम के तहत ग्रामोदय विकास विद्यालय सिंदुआर टोला द्वारा मनरेगा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. मौके पर बीडीओ शेखर कुमार ने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं है, बल्कि विकास का पर्याय है. केंद्र सरकार मनरेगा कानून के तहत कार्यरत मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करती है. साथ ही […]
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