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अभियंता के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की संचिका गायब

रांची : निगरानी के पूर्व डीएसपी अनूप हेम्ब्रोम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. यह अनुशंसा निगरानी के अफसरों ने सरकार की है. विभाग को संदेह है कि निगरानी थाना कांड संख्या 24/10 के अंतर्गत हजारीबाग ग्रामीण विकास विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जवाहर शाह के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप में […]

रांची : निगरानी के पूर्व डीएसपी अनूप हेम्ब्रोम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. यह अनुशंसा निगरानी के अफसरों ने सरकार की है. विभाग को संदेह है कि निगरानी थाना कांड संख्या 24/10 के अंतर्गत हजारीबाग ग्रामीण विकास विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जवाहर शाह के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप में जो केस दर्ज है,
उसमें सरकार की ओर से जवाहर शाह के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से जो अनुमति मिली थी, उस केस को फाइल से अनूप हेम्ब्रोम ने ही हटा दिया था. इसी संदेह के आधार पर पूर्व डीएसपी पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है.
निगरानी के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2010 में जब जवाहर शाह कार्यपालक अभियंता के रूप में ग्रामीण विकास विकास में पदस्थापित थे. तब जून माह में उन्होंने एक ठेकेदार से बिल का भुगतान करने के नाम पर कुल भुगतान किये जाने वाली राशि में 22 प्रतिशत कमीशन मांगी थी.
ठेकेदार ने रामगढ़ में आइटीआइ भवन का निर्माण किया था, जिसका करीब 3.53 करोड़ रुपये बिल के रूप में बकाया था. बाद में कार्यपालक अभियंता 50 हजार अग्रिम लेकर काम करने को तैयार हो गये. तब ठेकेदार ने इसकी सूचना निगरानी ब्यूरो को दी. निगरानी ब्यूरो की टीम ने जवाहर को 45 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. केस के अनुसंधान की जिम्मेवारी अनूप हेम्ब्रोम को सौंपी गयी थी. 26 अगस्त 2010 को अभियंता के खिलाफ न्यायालय में चाजर्शीट उन्होंने दाखिल कर दिया, लेकिन जब सरकार की ओर से अभियोजन स्वीकृति की अनुमति मिली, तब अनूप हेम्ब्रोम ने इसे न्यायालय में समर्पित नहीं किया. निगरानी के वरीय अधिकारियों को यह बताते हुए कि अभी अभियोजन स्वीकृति की अनुमति सरकार से नहीं मिली है.
लेकिन, एसपी की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख था कि अभियोजन स्वीकृति की अनुमति सरकार से मिल गयी है. लेकिन केस में रिकॉर्ड में अभियोजन स्वीकृति की संचिका नहीं है. इस वजह से समय पर न्यायालय में मुकदमा चलाने संबंधी प्रस्ताव नहीं भेजा सका. जिसके कारण केस का ट्रायल देर से शुरू हुआ. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार पूर्व में अनूप हेम्ब्रोम के खिलाफ सरकार से शिकायत की जा चुकी है. इस आरोप में कि वह समय पर केस में जांच रिपोर्ट नहीं समर्पित करते थे.

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