वाणिज्य कर विभाग के सूत्रों के अनुसार पड़ोसी राज्यों की सीमा से सटे झारखंड के पेट्रोल पंपों पर बिक्री बढ़ी है. पेट्रोल-डीजल की बिक्री में औसतन 15 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद इस मद से मिलनेवाला राजस्व कम हुआ है. वाणिज्यकर के कुल राजस्व का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा पेट्रोल-डीजल पर लगे टैक्स से मिलता है. पेट्रोल-डीजल से मिलनेवाले राजस्व का अध्ययन कर लौटे अधिकारियों की टीम ने यहां भी पेट्रोल-डीजल का मूल्य पड़ोसी राज्यों के बराबर करने की अनुशंसा की है.
Advertisement
पेट्रोल-डीजल की बिक्री बढ़ी, राजस्व में कमी
रांची: कीमत कम होने की वजह से राज्य में पेट्रोल-डीजल की बिक्री बढ़ी है. बिक्री बढ़ने का मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों के मुकाबले झारखंड में पेट्रोल-डीजल का मूल्य कम होना है. वाणिज्य कर विभाग के सूत्रों के अनुसार पड़ोसी राज्यों की सीमा से सटे झारखंड के पेट्रोल पंपों पर बिक्री बढ़ी है. पेट्रोल-डीजल की बिक्री […]
रांची: कीमत कम होने की वजह से राज्य में पेट्रोल-डीजल की बिक्री बढ़ी है. बिक्री बढ़ने का मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों के मुकाबले झारखंड में पेट्रोल-डीजल का मूल्य कम होना है.
राज्य को अपने कुल राजस्व का करीब 70 प्रतिशत वाणिज्यकर विभाग से मिलता है. पेट्रोल-डीजल के मूल्य में लगातार गिरावट से वाणिज्यकर को इस मद से मिलनेवाला राजस्व कम हुआ है. सरकार ने इस स्थिति ने निबटने के उद्देश्य से दूसरे राज्यों का अध्ययन करने के लिए अधिकारियों के तीन दलों गठन किया था. इन दलों ने छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, कर्नाटक और तमिलनाडु में पेट्रोल-डीजल पर लगनेवाले टैक्स और राजस्व की कमी से निबटने के लिए किये गये उपायों का अध्ययन किया. दल ने पाया कि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले झारखंड में पेट्रोल-डीजल का मूल्य कम होने की वजह से सीमा क्षेत्र के 20-30 किलोमीटर के अधीन पेट्रोल पंपों पर बिक्री बढ़ी है. पर, कीमत कम होने से घटते राजस्व की भरपाई इससे नहीं हो पा रही है. अधिकांश राज्यों से इस स्थिति से निबटने के लिए टैक्स दर में वृद्धि कर दी है. इस बात के मद्देनजर अध्ययन दल ने झारखंड में भी पेट्रोल-डीजल की कीमत पड़ोसी राज्यों के मुकाबले करने की अनुशंसा की है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement