उन्होंने बिहार की तर्ज पर साइकिल वितरण को लेकर लाभुकों के खाते में पैसा डालने का निर्देश दिया है. पिछली कैबिनेट में एचआरडी के लिए 10 हजार साइकिल देने का फैसला लिया गया था. यह साइकिल सामान्य वर्ग की छात्रओं को दी जानी है. साइकिल वितरण की सभी पहलुओं पर विस्तृत प्रस्ताव कल्याण विभाग के सचिव से मांगा गया है, ताकि उसे कैबिनेट से पारित कर अगले वित्तीय वर्ष से लागू करा दिया जाये. उन्होंने इसकी संचिका भी मांगी है, ताकि वस्तुस्थिति की जानकारी मिल सके.
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सीएम ने दिया प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश, अगले वित्तीय वर्ष से मानव संसाधन विभाग बांटेगा साइकिल
रांची: राज्य के एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को अब मानव संसाधन विभाग (एचआरडी) की ओर से साइकिल दी जायेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कल्याण विभाग से वितरित की जानेवाली साइकिल को अब एचआरडी से वितरित करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बिहार की तर्ज पर साइकिल वितरण को लेकर लाभुकों के खाते में […]
रांची: राज्य के एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को अब मानव संसाधन विभाग (एचआरडी) की ओर से साइकिल दी जायेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कल्याण विभाग से वितरित की जानेवाली साइकिल को अब एचआरडी से वितरित करने का निर्णय लिया है.
जानकारी के अनुसार झारखंड में 4.50 लाख साइकिल कल्याण विभाग की ओर से प्रत्येक वर्ष बांटी जाती है. इसके लिए 100-120 करोड़ का उपबंध होता है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यकाल में साइकिल खरीद के लिए लाभुकों को पैसे दिये जाने के प्रस्ताव पर अंतिम सहमति नहीं ली जा सकी थी. उस समय तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन समेत पूर्व सचिव एल ख्यांग्ते ने इसका विरोध किया था. उन्होंने नगद साइकिल खरीद योजना को राज्य हित में नहीं बताया था. पूरे मामले पर कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इसे प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब और वंचित तबके को साइकिल देने का प्रावधान है, जो निविदा के जरिये अब तक दी जाती रही है. अब बिहार की तर्ज पर साइकिल देने का निर्णय लिया गया है. बिहार में लाभुकों के खाते में साइकिल खरीद का पैसा ट्रांसफर होता है. वहां पर साइकिल खरीद मामले में गड़बड़ी की शिकायतें भी आयी है. महालेखाकार की रिपोर्ट में साइकिल खरीद मामले में फरजीवाड़े की बात कही गयी है. डॉ मरांडी ने कहा है कि सरकार गंभीरता से बिहार की स्थिति पर भी नजर रख रही है. अधिकारियों की दलील है कि गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में निविदा को ही प्राथमिकता दी जाती है.
2002 से कल्याण विभाग बांट रहा है साइकिल
राज्य में वर्ष 2002 से कल्याण विभाग की ओर से साइकिल दी जा रही है. आठवीं कक्षा में पढ़नेवाली लड़कियों और लड़कों को सरकार साइकिल देती है. 2013-14 से सामान्य वर्ग की छात्रओं को भी साइकिल वितरण योजना से जोड़ा गया है. प्रत्येक वर्ष कल्याण विभाग के बजट में एक अरब से अधिक का प्रावधान साइकिल खरीद योजना में किया जाता है. आदिवासी कल्याण आयुक्त कार्यालय से केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत जिला वार साइकिल खरीद की निविदा निकाली जाती है. राज्य में एवन, एटलस समेत चार कंपनियां साइकिल वितरण के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं. विभाग की ओर से 2015-16 के प्रस्तावित बजट में भी साइकिल खरीद के लिए 120 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
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