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सभी प्रकार की भूमि की होगी मैपिंग

मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुखों को लिखा पत्र 15 तक जानकारी मांगी रांची : राज्य में सभी प्रकार की भूमि की सरकार अब मैपिंग करायेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास के लैंड बैंक बनाये जाने की घोषणा के बाद मुख्य सचिव राजीव गौबा ने सभी विभागीय प्रमुखों को भूमि की उपलब्धता से संबंधित रिपोर्ट मांगी […]

मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुखों को लिखा पत्र
15 तक जानकारी मांगी
रांची : राज्य में सभी प्रकार की भूमि की सरकार अब मैपिंग करायेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास के लैंड बैंक बनाये जाने की घोषणा के बाद मुख्य सचिव राजीव गौबा ने सभी विभागीय प्रमुखों को भूमि की उपलब्धता से संबंधित रिपोर्ट मांगी है. मुख्य सचिव ने 15 फरवरी तक यह जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा है कि राज्य में औद्योगिकीकरण और अन्य मामलों के लिए भूमि की आवश्यकता है.
ऐसे में राज्य के विभिन्न जिलों में उपलब्ध गैर मजरुआ आम और गैर मजरुआ खास जमीन का ब्योरा भी मांगा गया है. इतना ही नहीं, विभागों के पास उपलब्ध जमीन का ब्योरा भी सरकार की ओर से मांगा गया है. राज्य में भूमि की उपलब्धता के आधार पर विकास योजनाओं को अमली जामा पहनाने की आवश्यकता है. इसके लिए जमीन की मैपिंग जरूरी है. नयी सरकार ने भी विकास योजनाओं के लिए जमीन की उपलब्धता को प्राथमिकता दी है.
ऐसे में यह जरूरी है कि सरकार के पास भूमि बैंक हो और जिलावार डाटा बेस उपलब्ध हो. मुख्य सचिव ने सभी जिलों के अपर समाहर्ता स्तर के अधिकारियों की मासिक बैठक करने का निर्देश भी दिया है. इससे जमीन अधिग्रहण और उपलब्ध जमीन की जानकारी जिला स्तर पर मिल सकेगी.
बालू की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए एनजीटी से करेंगे आग्रह
रांची : राज्य में बालू आपूर्ति पूरी तरह ठप है. कहीं-कहीं ब्लैक में बालू बिक रहा है. सरकार का निर्माण कार्य बाधित हो रहा है. इसे देखते हुए मुख्य सचिव राजीव गौबा ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए खान सचिव के साथ बैठक की. खान विभाग द्वारा एक प्रस्ताव मुख्य सचिव के समक्ष रखा गया. इसमें कहा गया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा बिना पर्यावरण स्वीकृति के बालू उठाव पर रोक लगा दी गयी है.
विभाग द्वारा एनजीटी को आवेदन दिया जायेगा, जिसमें बालू मामले में ढील देने की अपील की जायेगी. एनजीटी से आग्रह किया जायेगा कि जबतक बालू की नीलामी नहीं हो जाती, माइनिंग प्लान नहीं बनता और पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलती, तब तक बालू का उठाव होने दिया जाये. सरकार द्वारा पंचायतों के माध्यम से बालू उठाव आरंभ कराने की अपील की जायेगी. इसके पूर्व जिलों के उपायुक्तों द्वारा दर का निर्धारण कर दिया जायेगा. इसके बाद बालू उठाव करने वाले मजदूरों का निबंधन किया जायेगा. पंचायतों की निगरानी में ही बालू का उठाव किया जायेगा. सरकार यह भी बतायेगी कि बालू के उठाव न होने की वजह से किस तरह सरकार द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्य बंद हो गये हैं.
वेयर हाउस निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लायें
रांची . मुख्य सचिव राजीव गौबा ने खाद्य वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की समीक्षा की. मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना, अंत्योदय योजना, अन्नपूर्णा योजना के साथ अन्य बीपीएल योजनाओं की जानकारी ली. किसानों द्वारा उत्पादित चावल की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के निर्देश दिये. भंडारण के लिए वेयर हाउस निर्माण की प्रक्रिया तेज करने को कहा. आवेदन और डिजिटल डाटा के सत्यापन के लिए डिजिटलाइजेशन प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया.
प्रशासनिक कार्य-संस्कृति में बदलाव लायें
रांची . मुख्य सचिव राजीव गौबा ने प्रशासनिक कार्य-संस्कृति में बदलाव लाने के लिए सभी उपायुक्तों को निर्देशित किया है. उन्होंने कार्यालयों को साफ-सुथरा रखने, रंग-रोगन या छोटी-मोटी मरम्मत का काम कराने के लिए कहा है. कार्यालयों में स्थित शौचालय की स्थिति को बेहतर रखने के लिए कहा है. उपायुक्तों को एक महीने के अंदर काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है.

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