रांची: झारखंड को लगातार तीसरी बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिलेगा. भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार की घोषणा की है. झारखंड को मोटे अनाज वाली श्रेणी में पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है. झारखंड को इससे पूर्व 2011-12 तथा 2012-13 में दलहन में उत्पादन के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है. दो बार राज्य को पुरस्कार के रूप में एक-एक करोड़ रुपये मिले थे. इस बार भी इतनी ही राशि दी जायेगी. पुरस्कार वितरण समारोह की तिथि अभी तय नहीं की गयी है. अब तक प्रधानमंत्री राज्य के कृषि मंत्रियों को पुरस्कार देते रहे हैं.
12 राज्यों को मिला है पुरस्कार
भारत सरकार नेशनल फूड सिक्युरिटी मिशन के तहत कृषि उपज के क्षेत्र में बेहतर करनेवाले राज्यों को पुरस्कृत करती है. राज्यों को विभिन्न श्रेणी में पुरस्कार दिया जायेगा. इस बार 12 राज्यों को भारत सरकार ने विभिन्न श्रेणी में पुरस्कार देने के लिए चयनित किया है.
मंत्री के हटने के बाद मिलता रहा है पुरस्कार
राज्य में कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने का संयोग ऐसा है कि कृषि मंत्री के हटने के बाद इसकी घोषणा होती रही है. इस कारण जिस मंत्री के कार्यकाल के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है, वह पुरस्कार लेने नहीं जा पाते हैं. पहली बार पुरस्कार मिला था, तो सत्यानंद झा बाटुल पुरस्कार लेने गये थे. यह पुरस्कार मथुरा महतो के कार्यकाल के दौरान हुए कार्यो के लिए मिला था. दूसरी बार योगेंद्र साव ने पुरस्कार ग्रहण किया था. यह सत्यानंद झा बाटुल के समय किये गये कार्यो के लिए मिला था. इस बार विभाग के नये मंत्री पुरस्कार ग्रहण करेंगे. यह पुरस्कार योगेंद्र साव और बन्ना गुप्ता के कार्यकाल में हुए कार्यो के लिए दिया जा रहा है.
किन-किन राज्यों को कौन-सा पुरस्कार
श्रेणी राज्य पुरस्कार राशि
खाद्यान्न पंजाब पांच करोड़
खाद्यान्न ओडिशा पांच करोड़
खाद्यान्न मेघालय पांच करोड़
विशिष्ट फसल
चावल छत्तीसगढ़ दो करोड़
गेहूं मध्य प्रदेश दो करोड़
दलहन तमिलनाडु दो करोड़
मोटा अनाज प बंगाल दो करोड़
सांत्वना पुरस्कार
खाद्यान्न अरुणाचल प्रदेश एक करोड़
खाद्यान्न नागालैंड एक करोड़
विशिष्ट श्रेणी
दलहन महाराष्ट्र एक करोड़
मोटे अनाज झारखंड एक करोड़