फोटो 2खूंटी. कुसमी लाह की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है. कुसमी लाह की दो फसल साल में प्राप्त की जा सकती है. जनवरी व फरवरी में अगहनी(शीतकालीन) तथा जुलाई व अगस्त में जेठवी(ग्रीष्मकालीन) फसल लगायी जाती है. कुसमी लाह की खेती के बेर का पेड़ सबसे उपयुक्त होते है, लेकिन गरमी के मौसम में बेर के पेड़ पर कम पत्तियां होने के कारण फसल उतनी अच्छी नहीं होती है. एसीएफ अर्जुन बड़ाइक के मुताबिक रंगीनी लाह के मुकाबले कुसमी लाह में उत्पादन अधिक मिलता है. बेर के पेड़ में सभी प्रकार के लाह के कीट पाले जा सकते हंै. श्री बड़ाइक कहते हंै वन प्रमंडल खूंटी द्वारा लाह की खेती के बाबत योजनाएं चलायी जा रही है. किसानों को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए.
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कुसमी लाह है फायदे की गारंटी….ओके
फोटो 2खूंटी. कुसमी लाह की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है. कुसमी लाह की दो फसल साल में प्राप्त की जा सकती है. जनवरी व फरवरी में अगहनी(शीतकालीन) तथा जुलाई व अगस्त में जेठवी(ग्रीष्मकालीन) फसल लगायी जाती है. कुसमी लाह की खेती के बेर का पेड़ सबसे उपयुक्त होते है, लेकिन गरमी के […]
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