रांची : सरकार की मॉनिटरिंग कमेटी में शामिल होने के लिए नेताओं की रेस शुरू हो गयी है. कांग्रेस व राजद के वरिष्ठ नेता कमेटी में अध्यक्ष बनने के फिराक में हैं, तो छोटे नेता कमेटी के सदस्य बनने की जुगत लगा रहे हैं.
सूचना है कि राज्य में कांग्रेस के एक बड़े नेता मॉनिटरिंग कमेटी का अध्यक्ष बनने को खासे उत्सुक हैं. आलाकमान के पास पार्टी के बड़े नेताओं के माध्यम से वह अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं.
हालांकि, उन्हें अभी भी हाइकमान के ग्रीन सिगAल का इंतजार है. कांग्रेस के ही एक बड़े पदाधिकारी जगह पर खुद को मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य के रूप में पेश भी कर चुके हैं. राजद के भी बड़े पदाधिकारी ने खुद को कमेटी का सदस्य बताया है. इधर, दोनों दलों में सेकेंड और थर्ड लाइन के कई नेता कमेटी में सदस्य बनना चाहते हैं.
कांग्रेस नेता जहां दिल्ली दौड़ लगा रहे हैं, वहीं राजद नेता पटना की ओर रुख किये हुए हैं. दोनों दलों के कई नेताओं ने तो दिल्ली और पटना को अस्थायी ठिकाना ही बना लिया है. मॉनिटरिंग कमेटी की इस रेस में सबसे पीछे झामुमो खड़ा है. अपवाद छोड़ दिया जाये, तो झामुमो नेताओं और कार्यकर्ताओं को मॉनिटरिंग कमेटी से कोई मतलब ही नहीं है.
बावजूद इसके यह तय माना जा रहा है कि गंठबंधन में शामिल सभी दलों को मॉनिटरिंग कमेटी में जगह दी जायेगी. इस हिसाब से कमेटी में झामुमो के अलावा छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों को भी जगह दी जा सकती है.