रांची: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है. कांग्रेस के अंदर चुनाव में मिली हार के बाद संगठन में खलबली मची हुई है. हार के बाद नेता एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. पार्टी के अंदर गुटबाजी एक बार फिर तेज हुई है. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने पूरी रिपोर्ट आला कमान तक पहुंचायी है.
प्रदेश के कई नेताओं के खिलाफ शिकायत भी की गयी है. चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खिलाफ काम करनेवाले नेताओं के बारे में जानकारी दी है. इधर प्रदेश में सुखदेव विरोधी नेता भी मोरचा बंदी की तैयारी में है. प्रदेश अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर नेता सवाल उठा रहे हैं. चुनाव में टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव अभियान के मुद्दे पर घेरने की तैयारी हैं.
बड़कागांव छोड़ सभी सीट हार गयी कांग्रेस
कांग्रेस बड़कागांव को छोड़ कर सभी सीटिंग हार गयी. 2009 के विधानसभा चुनाव में 14 सीट लाने वाली कांग्रेस वर्तमान विधानसभा में छह पर सिमट गयी. बड़कागांव से योगेंद्र साव की पत्नी निर्मला देवी चुनाव जीत कर आयी हैं.
प्रदेश प्रभारी चाहते थे गंठबंधन
प्रदेश प्रभारी बीके हरि प्रसाद प्रदेश में झामुमो के साथ गंठबंधन चाहते थे. प्रदेश प्रभारी को दरकिनार कर प्रदेश नेतृत्व ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया. प्रदेश नेतृत्व के फैसले पर केंद्रीय आला कमान ने मुहर लगायी. प्रदेश प्रभारी प्रदेश के फैसले से सहमत नहीं थे. इधर गंठबंधन से बाहर होने के बाद कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद श्री भगत के निर्णय पर सवाल उठ रहे हैं.
लोहरदगा से बाहर निकलें सुखदेव : बलमुचु
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद प्रदीप बलमुचु ने कहा है कि संगठन की स्थिति पर समीक्षा होनी चाहिए. संगठन को क्या नुकसान हुआ, इस पर प्रदेश अध्यक्ष पूरी सहनशीलता के साथ समीक्षा करें. आरोप-प्रत्यारोप छोड़ सभी से बातें होनी चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष लोहरदगा से बाहर निकलें. वह पूरे प्रदेश के अध्यक्ष हैं. पूरे प्रदेश की चिंता करनी चाहिए. हमें इस बात की समीक्षा करनी चाहिए कि हम कैसे पिछड़ गये. कहां चूक हो गयी. इस पर चर्चा होनी चाहिए.
प्रदेश अध्यक्ष अनर्गल बयानबाजी से बाज आयें : धीरज
लोहरदगा. राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत को अनर्गल बयानबाजी एवं शिकायती प्रवृत्ति से बाज आना चाहिए. अखबारों में बयानबाजी कर वह कांग्रेस को कमजोर करने में लगे हैं. जो भी बाते हैं, उसकी चर्चा पार्टी फोरम में होनी चाहिए. श्री साहू ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष निजी स्वार्थ से ऊपर उठ कर पार्टी हित में सोचें. कांग्रेस पार्टी को बड़े बलिदानों एवं त्याग की बदौलत आगे बढ़ाया गया है. इसकी गरिमा को बरकरार रखना सभी का कर्तव्य है. प्रदेश अध्यक्ष को संयम से काम लेने की जरूरत है.