रांची: राज्य सरकार के विभिन्न सेवा-संवर्गो में एक लाख से अधिक नियुक्तियां मामूली अड़चनों के कारण लटकी हुई है.अधिकतर मामलों में नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, पर काफी अरसे से इन पर अंतिम निर्णय नहीं हो पा रहा है. कई मामले जेपीएससी या कर्मचारी चयन आयोग के पास चले गये हैं, जिन पर फैसला नहीं हो पा रहा है.
नियुक्ति प्रक्रिया पर निर्णय लेने की दिशा में तेजी नहीं दिखायी जा रही है. इनकी गति काफी धीमी है. इसका असर राज्य के सरकारी तंत्र पर पड़ रहा है. कर्मियों की कमी के कारण सरकारी कार्यो का निबटारा समय पर नहीं हो पाता. संचिकाओं के निष्पादन से लेकर टेंडर निष्पादन, योजनाओं के क्रियान्वयन, राजस्व वसूली सहित जनता से जुड़े सारे काम लटके हुए हैं. विधि-व्यवस्था सुचारु रखने में भी परेशानी आ रही है.
स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. कई स्कूल में पारा शिक्षकों के भरोसे पठन-पाठन चल रहा है. कहीं विद्यार्थी बहुत अधिक हैं, तो शिक्षक ही नहीं हैं. राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों से लेकर पुलिसकर्मियों, इंजीनियरों, सचिवालय सेवा के कर्मियों, डॉक्टर, पशुपालन डॉक्टर, व्याख्याता की कमी से पूरा तंत्र प्रभावित हो रहा है.
रसीद काटने के लिए भी नहीं है कर्मी
राज्य के अंचल कार्यालयों में लगान देने वालों की लंबी लाइन लगी रहती है. लगान लेनेवाले कर्मी के अभाव में रसीद कटवाना, दाखिल खारिज करवाना, जमीन मापी करवाना समय पर नहीं हो पाता.