रांची: बड़ा घाघरा के आदिवासियों व मूलवासियों ने अपोलो अस्पताल के लिए अपनी जमीन नहीं देने की घोषणा की है. रविवार को जेठ जतरा स्थल में ग्राम सभा की ओर से आयोजित आदिवासी अधिकार जागरूकता सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया.
सम्मेलन में तोरपा के विधायक पौलुस सुरीन ने कहा कि जिस दिन ग्राम सभा सशक्त हो जायेगी, कोई भी आदिवासियों व मूलवासियों की जमीन नहीं छीन पायेगा. सरकारी अमला दिकू बन गया है. हमे अफसरशाही के खिलाफ संघर्ष तेज करना होगा अन्यथा जल, जंगल, जमीन, सब छिन जायेंगे. भाषा- संस्कृति विलुप्त हो जायेगी. जब तक हमारी जमीन बची है, तभी तक हमारा अस्तित्व है.
हमारे बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, जहां परीक्षा नहीं ली जाती. इससे वे बाद की प्रतियोगिता में नहीं टिक पाते. अस्पताल, कंपनी खुलेंगे, तो उन्हें वहां नौकरी नहीं मिलेगी. वे विधानसभा में गैरकानूनी तरीके से छीनी गयी जमीन का मुद्दा उठायेंगे. सम्मेलन में मानवाधिकार कार्यकर्ता ग्लैडसन डुंगडुंग, आरती कुजूर, सुनील फकीरा कच्छप, प्रेमशाही मुंडा, जेवियर कुजूर, जेरोम जेराल्ड कुजूर, सुकरा उरांव, मनोज तिर्की, शंकर सुरेश उरांव, दुर्गा कच्छप, पार्षद लक्ष्मण कच्छप, दीपक बाड़ा, सुषमा केरकेट्टा, विनोद कच्छप व अन्य ने विचार व्यक्त किये.