रांची: योजना आयोग के साथ हुई बैठक में सरकार ने राज्य के लिए विशेष पैकेज की मांग की. योजना आकार की 28.64 प्रतिशत राशि कर्ज से जुटाने और योजना आकार में ट्राइबल सब प्लान एरिया को 50.44 प्रतिशत हिस्सा देने की जानकारी आयोग को दी.
एक मई को योजना आयोग के सदस्य डॉ के कस्तूरीरंगन और सलाहकार निधि खरे, जेपी मिश्र, निदेशक बीके पांडेय, एनके संतोषी, डिप्टी एडवाइजर पूनम श्रीवास्तव के साथ राज्यपाल के सलाहकार मधुकर गुप्ता, के विजय कुमार व अधिकारियों की हुई बैठक में विशेष पैकेज की मांग की गयी. सलाहकार मधुकर गुप्ता, मुख्य सचिव आरएस शर्मा और विकास आयुक्त एके सरकार ने राज्य में खनन से पर्यावरण को होनेवाले नुकसान की जानकारी दी. साथ ही राष्ट्रीय औसत के मुकाबले झारखंड की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि झारखंड को भी विशेष पैकेज मिलना चाहिए. इस मांग के दौरान राशि का उल्लेख नहीं किया गया.
सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए तैयार किये गये विभागवार योजना आकार की विस्तृत जानकारी दी गयी.
16800 करोड़ रुपये के योजना आकार के आर्थिक स्नेतों की जानकारी दी गयी. इसमें से 7618.18 करोड़ रुपये अपने आंतरिक स्नेतों और 4371.10 करोड़ रुपये केंद्रीय सहायता के रूप में मिली राशि से जुटाने की बात कही थी. शेष 4810.71 करोड़ रुपये विभिन्न स्नेतों से कर्ज लेकर जुटाने की बात कही गयी. योजना आकार में विभिन्न क्षेत्रों की भागीदारी का उल्लेख करते हुए योजना आयोग को यह जानकारी दी गयी कि 16800 करोड़ में से 8474 करोड़ रुपये ट्राइबल सब प्लान एरिया में खर्च किये जायेंगे.
यह रकम योजना आकार का 50.44 प्रतिशत है. विशेष अंगीभूत योजना के तहत 1885.38 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. यह रकम योजना आकार का 11.22 प्रतिशत है और राज्य में अनुसूचित जातियों की आबादी के अनुरूप है. सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2012-13 में 13600 करोड़ रुपये के योजना आकार में से 11309 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गयी.